नवीन चौहान
उत्तराखंड के पुलिस विभाग में कार्यरत छह जनपदों में कर्मचारियों की गृह जनपद में तैनाती करने के आदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी कर दिए गए है। जिसके बाद से ये तमाम पुलिसकर्मी अपने गृह जनपद में रहकर कर्तव्यनिष्ठा के साथ विभागीय डयूटी और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे। इन पुलिसकर्मियों को मानसिक तनाव के दौर से नही गुजरना होगा। पुलिस मुख्यालय की ओर से इन छह जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें से जनपद पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, चमोली,उत्तरका
हरिद्वार के अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को 29 जुलाई 2017 को पत्र भेजा। पत्र में बताया कि पुलिस विभाग में फायर बिग्रेड के कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर आदि पद पर नियुक्ति की जाती है। फायर बिग्रेड की टीम सूचना मिलने पर जल्द जल्द से दुर्घटना स्थल पर पहुंचना होता है और हुई दुर्घटना पर काबू पाना होता है। लेकिन इस प्रकार की दुघर्टनायें रोज रोज ना होकर आक्समिक होती है। दूसरे जनपद में तैनात कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल रास्तों को अच्छी प्रकार से नहीं पहचानते है जिससे वो दुर्घनास्थल पर पहुंचने मे देर हो जाते है। जिस कारण टीम का दुर्घटना पर काबू पाना थोडा मुश्किल को जाता है। जिससे दुर्घटना में आर्थिक नुकसान होता है। फायर बिग्रेड का जवान जलती हुई आग से आगजनी के दौरान अपनी जान तक भी देने से पीछे नहीं हटता है। फायर बिग्रेड का जवान दूसरे जनपद में रहने के कारण रास्तों से अन्जान होने के कारण देरी से घटना स्थल पर पहुंच पाते है, इसके बावजूद भी अपने काम को पूरी ईमानदारी से करते है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की कि फायर बिग्रेड के कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल की तैनाती उनके गृह जनपद में की जायें जिससे दुर्घटना स्थल पर पहुंचने में देरी नहीं होगी। रास्तों की जानकारी होने के कारण कार्य ठीक से व जल्दी किया जा सकेगा। कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल अपने परिवार के पास रहकर उनका भी ध्यान रख सकेगें।
इस पत्र का संज्ञान लेते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से कवायद शुरू हो गई। जिसके बाद से 24 सितंबर 2019 को पुलिस मुख्यालय से छह जनपदों के एसएसपी को पत्र भेजकर सभी सहायक उप निरीक्षक, कांस्टेबल, मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस, मुख्य आरक्षी सहायक पुलिस,आरक्षी सहायक पुलिस,आरक्षी नागरिक पुलिस,लीडिंग फायरमैन,फायर सर्विस चालक, फायरमैन, प्रधान परिचालक,सहायक परिचालक और कर्मशाला सहायक का डाटा जुटाया जा रहा है। डीजी एलओ अशोक कुमार ने बताया कि आदेश तो 2017 में ही कर दिया गया था। अभी छह जनपदों से डाटा जुटाया जा रहा है।