कवियत्री गौरी मिश्रा की कविताओं में झलकता है उत्तराखंड प्रेम और इसके पीछे है राज, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान। उत्तराखंड की कवियत्री गौरी मिश्रा की कविताओं में उत्तराखंड प्रेम साफ तौर पर झलकता है। वह किसी भी मंच पर काव्य पाठ की शुरूआत उत्तराखंड के नैनीताल की खूबसूरती और वहां के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति से ही करती है। नैनीताल की ताजी हवा का जिक्र करती है। श्रोताओं के दिलों को हिमालय की खूबसूरत वादियों से जोडती है। वह ये सब राज्य के पर्यटन को बढावा देने के लिये करती है। उत्तराखंड में पर्यटन कारोबार को बढाने के लिये श्रोताओं को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करती है। गौरी मिश्रा की इन खूबसूरत कविताओं ने राज्य के पर्यटन कारोबार को बढाने में अहम योगदान दिया है।

hh1

कवियत्री गौरी मिश्रा किसी भी मंच पर कविता पाठ की शुरूआत अपनी प्रसिद्व रचना मैं नैनीताल की गौरी ताजी हवा के साथ आई हूं के साथ करती है। आपकों बतादे कि गौरी मिश्रा का जन्म उत्तराखंड के नैनीताल में हुआ है। पहाडों की वादियों में घूम-घूम कर ही उनको काव्य रचना करने की प्रेरणा मिली। इसी दौरान उन्होंने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के त्राहिमाम को भी नजदीक से देखा। प्राकृतिक आपदा के बाद उत्तराखंड राज्य के मुख्य कारोबार पर्यटन की चरमराई स्थिति को भी देखा। इस प्राकृतिक आपदा की घटना ने कवियत्री गौरी मिश्रा के दिल पर गहरा आघात किया। उन्होंने एक कवियत्री होने के साथ-साथ राज्य के विकास को गति प्रदान करने की ठान ली। उसी के बाद उन्होंने अपने कविता पाठ की पहली शुरूआत उत्तराखंड के नैनीताल की खूबसूरती से करनी शुरू कर दी। जब कविता पाठ पूरा करने के बाद गौरी मिश्रा मंच से नींचे उतरती है तो कई बार श्रोत्रा उनसे उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य के संबंध में जानकारी लेते है।

hh2

उत्तराखंड की खूबसूरती की बातें करते है। इन तमाम बातों की जानकारी गौरी मिश्रा ने न्यूज127डॉट कॉम को बातचीत में दी। गौरी मिश्रा ने बताया कि वह उत्तराखंड से असीम प्यार करती है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अभूतपूर्व है। इसीलिये वह देश के विभिन्न राज्यों में अपनी कविताओं से श्रोताओं को नैनीताल और उत्तराखंड की खूबसूरती और प्राकृतिक सौंदर्य के दर्शन कराती है। राज्य में आने के लिये प्रेरित कर रही है। बतादे कि गौरी मिश्रा की कविताओं को सुनने के बाद श्रोताओं का मन उत्तराखंड की वादियों की सैर करने के लिये हिलौरे मारने लगता है। उनकी इन्ही कविताओं से प्रभावित होकर कई श्रोतागण उत्तराखंड दर्शन करने के लिये आ चुके है। फिलहाल गौरी मिश्रा यूपी के इलाहाबाद, बाराबंकी के बाद अब राजधानी दिल्ली में कविता पाठ करने गई है। वहां पर उत्तराखंड राज्य का परचम लहरा रही है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *