नवीन चौहान
हरिद्वार में रेमडेसिविर इंजेक्शन का फर्जीबाड़े करने के आरोप में ब्लड बैंक के एक कर्मचारी को कनखल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि एक चिकित्सक व ब्लड बैंक संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। खास बात ये है कि जिस मरीज के नाम पर इंजेक्शन लिया जा रहा था वह 30 अप्रैल को ही डिस्चार्ज हो गया था।
कनखल थाना प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने बताया कि योगमाता अस्पताल, कनखल के चिकित्सक डॉ अखिलेश, ब्लड बैंक संचालक जगदीर व कर्मचारी सुनील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में जीवन रक्षक ब्लड बैंक के कर्मचारी सुनील को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक मिश्रा गार्डन कनखल निवासी अमित गर्ग ने तहरीर देकर बताया कि सुनील नाम का एक युवक जो कि ब्लड बैंक का कर्मचारी है, वह अखिलेशन नाम के एक मरीज के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने आया था। उसके हाथ में डॉ अखिलेश के नाम की पर्ची थी। जब अस्पताल पता किया तो मरीज अखिलेश 30 अप्रैल को ही डिस्चार्ज होकर चला गया। ऐसे में इंजेक्शन के नाम पर धोखाधड़ी की जाने की पुष्टि होने पर तहरीर दी है।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर योगमाता अस्पताल के संचालक डॉ धवन ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि किसी ने उनके अस्पताल को बदनाम करने के लिए पर्ची दी है, आरोप झूठा है। निष्पक्ष जांच में सच सामने आ जाएगा।