हरिद्वार का पहला स्कूल डीपीएस, जिसने बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाया ये कदम




नवीन चौहान
डीपीएस रानीपुर ने बच्चों की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण तकनीक आरएफआईडी की मदद ली है। जिसकी मदद से बच्चे की लोकेशन का पता स्कूल प्रबंधन और अभिभावको को होगा। ये तकनीक बच्चे के स्कूल पहुंचने, घर पहुंचने, बस में चढ़ने और उतरने की समस्त जानकारी स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों तक पहुंचायेगी। ये तकनीक बच्चों की सुरक्षा में उपयोगी कारगर होगी।
डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ अनुपम जग्गा बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद संजीदा है। वह स्कूल में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और स्कूल को ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए लगातार अभिनव प्रयोग कर रहे है। वही दूसरी ओर बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत भी नई—नई तकनीक का सहारा ले रहे है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन डिवाईस) का भेल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी एवं सीबीएसई देहरादून के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने उदघाटन किया।
आरएफआईडी डिवाईस की सबसे खास बात ये है कि बच्चों के उपस्थिति, अनुपस्थिति के अतिरिक्त बस में बैठने से लेकर उतरने, स्कूल पहुंचने तथा स्कूल से बस द्वारा घर पहुंचने तक की तमाम जानकारी स्कूल प्रशासन से लेकर पैरेंटस को अपडेट करती रहेगी। स्कूली बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी यह बेहद उन्नत तकनीक है। प्रधानाचार्य डॉ अनुपम जग्गा ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वप्रथम एवं सर्वोपरी है। बच्चे को स्कूल भेजने के बाद समस्त जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करना स्कूल का दायित्व है। डीपीएस रानीपुर ने अपने बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस डिवाइस की मदद से बच्चों की सुरक्षा में मदद मिलेगी।



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