हाथ के पंजे में फंसा कमल, अन्नु पर भारी अनिता, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। निकाय चुनाव में जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे चुनाव प्रचार गति पकड़ता जा रहा है। प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए कई वादे कर रहे हैं। किन्तु जनता प्रत्याशियों को हर तरह से परखने का काम भी कर रही है। अभी तक के चुनावी समीकरणों को देखते हुए चुनाव प्रचार में झण्डे, पोस्टर, बैनरों में भले की कमल आगे दिखाई दे रहा हो किन्तु कमल कहीं न कहीं हाथ के पंजे के बीच फंसा नजर आ रहा है। अन्नु के मुकाबले अनिता का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
बताते चले कि निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है। स्थानीय मुद्दे ही निकाय चुनाव को प्रभावित करते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही होने जा रहा है। हरिद्वार शहर की कई समस्याएं इस बार चुनावी गणित को प्रभावित करेंगी, जिसका नुकसान भाजपा को होता नजर आ रहा है।
भाजपा सरकार में शहरी विकास मंत्री का हरिद्वार गृह क्षेत्र है। ऐसे में उनके कार्यों को जनता आंक रही है। कारण की भाजपा की मेयर पद प्रत्याशी अन्नू कक्कड़ शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के खेमे की हैं तथा मदन कौशिक का उन पर वरद हस्त भी है। यही कारण है कि कई दमदार नेताओं को पछाड़ कर उन्हेें मेयर का टिकट मिला। हरिद्वार की जनता काफी लम्बे समय से विभिन्न समस्याओं से जुझ रही है। जिनमें सबसे बड़ी समस्या खुदी हुई सड़कें व वर्षों से अधर में लटका राजमार्ग निर्माण कार्य है। करीब दो सालों से विभिन्न योजनाओं के नाम पर शहर की तमाम सड़कों को खोदा हुआ है। जिस कारण लोगों को सड़कों पर चल तक दूभर है। हालांकि सड़क निर्माण के कई बार भाजपा सरकार व निवृत मेयर ने दावे किए, किन्तु आज तक दावे पूरे नहीं हो पाए और समूचे बरसात के मौसत में स्थानीय लोगों को कीचड़ और गड्ढों के बीच समस्याओं से दो-चार होना पड़ा। वहीं राजमार्ग को निर्माण भी करीब सात वर्षों से अधर में लटका हुआ है और अधूरे राजमार्ग के चलते 1500 से अधिक लोग दुर्घटना में चोटिल हुये जिसमें कई को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी। वहीं सबसे बड़ा मुद्दा अतिक्रमण का चुनाव को प्रभावित करने वाला है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सैंकड़ों लोगों के मकान और दुकानें ध्वस्त कर दी गईं। कई तो ऐसे थे जिनकी पूरी दुकानें और मकान ध्वस्त हो गए। अब उन लोगों के पास न तो सिर छुपाने का स्थान है और न ही व्यापार करने के लिए स्थान। यही कारण रहा की दो दिन पूर्व कनखल के कृष्णानगर में वोट मांगने गए पार्षद पद प्रत्याशी व मेयर पद प्रत्याशी को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। नेताओं को लोगों द्वारा चप्पलें दिखाए जाने के बाद नेता वहां से उल्टे पैर वापस लौटने को मजबूर हुए। वहीं वर्षो से भाजपा के एक नेता के हाथों में फंसी भाजपा को भी लोग निकालना चाहते हैं। लोगों में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। वहीं कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी जहां स्थानीय महिला हैं वहीं भाजपा प्रत्याशी को हरिद्वार से सीधा संबध नहीं है। वहीं जातीगज समीकरण भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में दिखाई देते हैं। कांगेस प्रत्याशी को स्थानीय होने का लाभ मिलने के अलावा ब्राह्मण होने का लाभ भी मिलता दिखाई दे रहा है। हरिद्वार में ब्राह्मण समाज के लोगों की संख्या खासी है। वहीं पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाली अन्नू कक्कड़ को उनके ही पंजाबी समाज का पूरा समर्थन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में फिलवक्त की स्थिति को देेेेेेेेेाते हुए कमल पूरी तरह से हाथ के पंजे में फंसा नजर आ रहा है। इस चुनाव में कौन बाजी मारेगा यह तो मतदान के बाद चुनाव परिणामों की गिनती के बाद ही सामने आयेगा। लेकिन अभी तो हालात नजर आ रहे है उसको देखकर तो लगता है कि कमल हाथ के शिंकजे में बुरी तरह फंसा हुआ है। अब देखने वाली बात ये है कि उत्तराखंड सरकार के केबिनेट मंत्री मदन कौशिक व हरिद्वार की सियासत के सबसे कद्दावर नेता अब कौन सी चाल चलेंगे जो विरोधियों को परास्त कर सकेगा। ये चुनाव मदन कौशिक की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। कई दशक से हरिद्वार की सियासत पर काबिज मदन कौशिक का तिलिस्म टूटने वाला है या बरकरार रहेगा ये भी चुनाव के बाद ही सामने आयेगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *