नवीन चौहान
हरिद्वार से कार लूटने के बाद सुखविंदर उर्फ मोनी ने लुधियाना पहुंचकर एक कारोबारी जिंदी को सरे बाजार गोलियों से भून डाला था। सुखविंदर ने सात गोलियां दागी थी। आरोपी सुखविंदर के दुस्साहस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2016 में पंजाब पुलिस को चकमा देकर उनकी कस्टडी से भी फरार होने का कारनामा भी कर चुका है। पंजाब पुलिस ने इसे भगोड़ा घोषित करने के साथ ही इस पकड़वाने वाले को एक लाख की इनाम देने की घोषित किया हुआ है। लेकिन हरिद्वार पुलिस ने पंजाब पुलिस का सिरदर्द कम करके इनामी राशि पर अपना हक जता दिया है। वही उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों की ओर से भी इस केस का खुलासा करने वाले टीम लीडर बहादराबाद थाना प्रभारी गोविंद कुमार समेत पूरी टीम को पांच हजार और एसएसपी हरिद्वार की ओर से ढाई हजार का इनाम देने की घोषणा की है। कार मालिक की ओर से भी पुलिस टीम को 21 हजार रूपये का ईनाम दिया गया है।
एसएसपी सेेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने पीड़ित जयपाल की कर लूट की घटना का खुलासा किया। पुलिस ने कार लूट की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी सुखविंदर उर्फ मोनी पुत्र गुरूदेव निवासी दुसमुल्ला लुधियाना और सुमित पुत्र सतपाल निवासी गागलहेड़ी जिला सहारनपुर यूपी के नामों का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि रूड़की से एटीएम लूटकांड में सुखविंदर 17 माह जेल में बंद रहा। जिसके बाद जमानत पर बाहर आया। जेल में ही उसकी दोस्ती सुमित उर्फ चोटी से हो गई। सुखविंदर ने सुमित उर्फ चोटी से लुधियाना में हत्या करने की बात की।
रूड़की के एटीएम लूटकांड में सुखविंदर के साथ ही एक अन्य आरोपी रूड़की का दीपक बिल्ला साथ था। सुखविंदर और जिंदी की दुश्मनी थी। सुखविंद जिंदी ने अपनी दुश्मनी का बदला लेने के लिए तड़प रहा था। आखिरकार सुखविंदर की दोस्ती चोटी से होने के बाद उसने जिंदी की लुधियाना में जाकर हत्या करने की पूरी योजना बनाई। सुखविंदर एक कुख्यात अपराधी है। जिसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज है। लेकिन हरिद्वार की बहादराबाद पुलिस ने आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाकर पंजाब पुलिस को राहत दी है।