गरीबों के नसीब में लाचारी की ‘मौत’, आखिर जवाबदेही किसकी




नवीन चौहान
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को दहशत के साये में जीने के लिए मजबूर कर दिया है। भारत में भी कोरोना वायरस फैल रहा है। देश की सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाकर एक अच्छा कदम तो उठाया लेकिन इसके कई विपरीत परिणाम भी सामने आ रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गरीब लाचार मजदूर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं हुआ तो भूखे प्यासे ही अपने गांव की ओर रूख करने लगे। सरकार ने इन बेबस लाचार गरीब मजदूरों की पीड़ा को समझा और बसों की व्यवस्था उनके जनपदों तक पहुंचाने के लिए की। लेकिन गरीब और लाचारी ने यहां भी इनका पीछा नहीं छोड़ा। बड़ी संख्या में बस न मिलने से मजबूर मजदूर पैदल ही अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

ऐसे में दिनरात सड़कों पर पैदल चल रहे ये लोग तमाम मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वहीं इनके साथ हादसे भी हो रहे हैं। महाराष्ट्र में ऐसे ही मजूदरों के लिए कॉल बनकर ट्रेन आयी। कोरोना महामारी से बचते हुए ये गरीब मजूदर पैदल ही रेलवे पटरी से होते हुए अपने घरों की ओर जा रहे थे, रात में थककर रेल की पटरी पर ही सो गए, किसी को नहीं पता कि ये पटरी उनकी अर्थी बनने जा रही है। ट्रेन से कटकर वहां मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। ऐसा ही एक हादसा गुरूवार को यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में देखने को मिला। यहां भी पंजाब से पैदल बिहार जा रहे गरीब मजदूरों को रोडवेज की बस ने कुचल दिया। इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि कई घायल हो गए। सवाल यहां ये उठ रहा है कि इन गरीबों की मौत का जिम्मेदार कौन है। सरकार का दावा है कि प्रवासियों को बस और स्पेशल ट्रेन से उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है, फिर ये कौन लोग हैं जो पैदल ही चले जा रहे हैं, क्या इन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सरकार बस से भेजने की व्यवस्था कर रही है या फिर स्थानीय स्तर पर इनकी कोई सुन नहीं रहा है। पीड़ित कुछ मजदूरों ने कहा भी है कि उन्हें कहीं भी बस के बारे में जानकारी नहीं दी गई। बस स्टैंड पर भी गई लेकिन वहां से भी यह कहकर चलता कर दिया गया कि यहां से कोई बस नहीं मिलेगी। सवाल यही है ​कि आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा। जब तक लॉकडाउन नहीं खुलता तब तक ऐसे गरीब मजदूरों की समस्या का समाधान जिम्मेदारों को करना ही होगा। इस तरह के हादसो से सबक लेकर जिम्मेदारी तय करनी होगी।



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