नवीन चौहान. शराब घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत की मांग करना कानून की पढ़ाई कर रहे छात्र को मंहगा पढ़ गया। हाईकोर्ट ने छात्र से पूछा आप कौन, आपको कौन सी वीटो पावर है जिसके तहत आपने जमानत दिये जाने की मांग की। क्या आप यूनएन के सदस्य है। पीठ ने पूछा, केजरीवाल की मदद करने वाले आप कौन हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट ने छात्र को जमानत मांगने पर कड़ी फटकार लगायी है। पीठ ने छात्र पर 75 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन व जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि अदालत आपराधिक मामलों में सिर्फ इसलिए असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दे सकती, क्योंकि आरोपी व्यक्ति उच्च पद पर है। कानून के समक्ष हर कोई समान है।
केजरीवाल कोर्ट के न्यायिक आदेश के आधार पर हिरासत में हैं। वह अपने बचाव में कदम उठा रहे हैं। याचिकाकर्ता के पास केजरीवाल के लिए ऐसे बयान देने या निजी मुचलका रखने के लिए कोई पावर ऑफ अटार्नी नहीं है।
पीठ ने इस पर कहा, आपके अनुसार हिरासत में कोई विचाराधीन कैदी नहीं होना चाहिए? जिसने याचिका दायर की है, क्या वह कॉलेज में कक्षाओं में जाता है? क्या उसकी उपस्थिति अच्छी है? ऐसा लगता है जैसे वह कानून के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहा हैं। आप मानकर चल रहे हैं कि यदि आप राजनेता हैं तो आपको जेल नहीं भेजा जाएगा?