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कुंभ मेले को सकुशल सुरक्षा के साथ संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ता चाहता। सभी तैयारियों की जहां समीक्षा की जा रही है वहीं मेला डयूटी में लगे पुलिस कर्मियों और अन्य कर्मचारी व अधिकारियों से उनके अनुभव साझा कर फीड बैक लिया जा रहा है। इसी क्रम में इस मकर संक्रांति पर डयूटी कर्मचारियों को जो अनुभव हुआ उसका फीड बैक और सुझाव आईजी संजय गुंज्याल ने लिए।
कुंभ मेले की तैयारी के मददेनजर शुक्रवार को 40 वीं वाहिनी पीएसी के सभागार में संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला के द्वारा जन्मजेय खंडूरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला एवं सेंथिल अबुदाई राज कृष्ण एस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार की उपस्थिति में सभी जोनल, सेक्टर, स्थानीय थाना प्रभारियों और अन्य पुलिस शाखाओं के राजपत्रित अधिकारियों की डिब्रीफिंग ली गई।
डिब्रीफिंग के दौरान उपस्थित सभी अधिकारीगण से मकर संक्रांति ड्यूटी के दौरान हुए उनके अनुभव के अनुसार सुझाव और फीड बैक मांगे गए ताकि उपयोगी सुझावों को अगले स्नान की व्यवस्थाओं में सम्मिलित करके और अधिक उत्तम पुलिस व्यवस्था बनाई जा सके।
डिब्रीफिंग के दौरान जोनल,सेक्टर प्रभारियों द्वारा निम्न सुझाव दिए गए-
इनसुझावों में कुछ घाटों पर लाइट की व्यवस्था करने की बात कही गई, जसवंत घाट की पुलिया की सीढ़ीयों की मरम्मत कराने का सुझाव रखा गया। बड़े सेक्टरों को सब सेक्टर में बांटने का सुझाव दिया गया। व्यापारियों के लिये दोपहिया पार्किंग व्यवस्था बनाने, कैमरों से अनाधिकृत क्षेत्रो में रेहड़ी, फड़, केन विक्रेता पर नजर रखने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा सभी पुलिस कर्मी के द्वारा ड्यूटी के दौरान फेस शील्ड का उपयोग करने की बात रखी गई। अतिक्रमण मुक्त हो चुकी है जगहों को निरंतर अतिक्रमण मुक्त रखने का सुझाव दिया गया। श्यामपुर कांगड़ी के पास 4.2 ड्यूटी स्थल पर जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिये अलाव की व्यवस्था करने की बात सामने रखी गई।
हाई-वे के कट्स को बन्द करने के लिये वैकल्पिक रूप से बैरियर उपलब्ध कराने की मांग की गई। रात के समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों के लिये चाय, पानी और अलाव की व्यवस्था करने, बैरागी और दक्ष को जोड़ने वाले स्थायी पुल पर दो बड़ी गाड़ी एक साथ नही गुजर सकती हैं इसलिए बगल में एक मोटरेबल अस्थायी पुल का निर्माण करने का सुझाव दिया गया। दूधियाबन के खेतों को नियमानुसार खाली कराकर पार्किंग बनाय जाने का सुझाव दिया गया।
श्री यंत्र वाला जाने वाले मार्ग को आनन्दमयी के पास के अतिक्रमण मुक्त करते हुए चैड़ा करने और मातृसदन के पास हाथियों से सुरक्षा के लिये वन विभाग की टीम लगाने का सुझाव दिया गया। जल पुलिस, के लिये जल पुलिस लाइन बनाने। महिला घाट पर महिला जल पुलिस लगाने। कूड़े दानों को लगातार खाली कराए जाने ताकि उनकी बम सम्बंधित चेकिंग की जा सके और कुम्भ मेला ड्यूटी पर आए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को जनता से व्यवहार करने के सम्बंध में प्रशिक्षण देने का सुझाव रखा गया।
आईजी कुम्भ द्वारा भविष्य के स्नान पर्वों में प्राप्त उक्त महत्वपूर्ण और उपयोगी सुझावों पर अमल करने हेतु धरातल पर ठोस तैयारी करने के लिये सम्बंधित को डिब्रीफिंग में ही निर्देशित किया गया। इसके बाद आईजी मेला द्वारा उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कुम्भ का अनुभवी अधिकारी एक दिन पेशवाई और शाही स्नान रुट दिखाने के लिये सभी सम्बंधित अधिकारीगण की मॉर्निंग वॉक की कार्यवाही कराएंगे ताकि सभी को पेशवाई और शाही स्नान के रूट का धरातलीय अनुभव हो सके।
स्टेशन के अंदर ही ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों के लिये होल्डिंग एरिया बनाये। भीड़ का दबाव बढ़ जाने पर शटल ट्रेनों के माध्यम से यात्रियों को हरिद्वार और ज्वालापुर रेलवे स्टेशन से बैठा कर बाहर के स्टेशनों पर छोड़ने की कार्यवाही की जाए। इसके अलावा यात्रियों को हरिद्वार रेलवे स्टेशन के अलावा मोतीचूर और ज्वालापुर रेलवे स्टेशनों से भी ट्रेन पकड़ने के लिये प्रोत्साहित किया जाए। कुम्भ के लिये रजिस्ट्रेशन फार्म में दिव्यांगों के लिये अलग व्यवस्था की जाए ताकि उनके लिये विशेष व्यवस्था बनाई जा सके।
साथ ही साथ कुम्भ मेले के दौरान अपनी सेवाएं देने के इच्छुक अलग-अलग संस्थाओं के लगभग 15 हजार वोलियेन्टर से जनसेवा के कार्य लेने के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त आईजी कुम्भ के द्वारा मकर संक्रांति के स्नान को सफल, सुरक्षित बनाने के लिये ड्यूटीरत सभी अधिकारी-कर्मचारियों को उत्तम प्रविष्टि प्रदान करने और हर सेक्टर से अच्छी ड्यूटी करने वाले कार्मिकों को नकद पुरस्कार से पुरुस्कृत करने की घोषणा भी की।