उत्तराखंड में कांग्रेस के पास दमदार प्रत्याशियों का टोटा और सरकार बनाने का सपना




नवीन चौहान
उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने का सपना देख रही है। कांग्रेसी पूरी उम्मीद जता रहे है कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की सरकार बनेंगी। कांग्रेसी चुनावों के दौरान भाजपा सरकार की नाकामियों को जनता के बीच में रखेंगे। जिसके चलते उनको जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा। लेकिन अगर धरातल पर उतरकर बात करें तो कांग्रेस के पास दमदार जनाधार वाले नेताओं की भारी कमी है। कांग्रेस को विधानसभा क्षेत्रों में उतारने के लिए लोकप्रिय प्रत्याशियों का टोटा पड़ेगा। यही कारण है कि जनता की भाजपा से नाराजगी होने के चलते भी कांग्रेस को सत्ता मिले ऐसे आसार कम ही दिखाई पड़ रहे है। हालांकि अभी चुनावों के लंबा वक्त है। ऐसे में अगर कांग्रेसी अपनी खेमेबाजी से बाहर निकलकर हरदा के नेतृत्व में संगठित होकर कार्य करें तो स्थिति अनुकूल हो सकती है। हरदा ही एकमात्र ऐसे कांग्रेसी दिखाई पड़ते है जो कांग्रेस की नाव को किनारे लगा सकते है।
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी की लोकप्रियता और चुनावी वायदों से प्रभावित होकर उत्तराखंड की जनता ने डबल इंजन की सरकार भाजपा को सत्ता सौंप दी थी। भाजपा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डबल इंजन को गति प्रदान की। जीरो टालरेंस की मुहिम शुरू की और उत्तराखंड में विकास कार्यो को गति प्रदान की। बेहद कम और सधे अंदाज में बोलने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कर्ज में डूबे उत्तराखंड प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं की और उनको पूरा कराने की दिशा में कार्य किया। त्रिवेंद्र सरकार की कार्य करने की रफ्तार बेहद धीमी दिखाई दी लेकिन राज्य की आर्थिक स्थिति के अनुरूप बेहतर रही। प्रदेश करीब 50 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में है। ऐसे हालातों में प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बहुत ही सोच समझकर सभी योजनाओं को परवान चढ़ाया। त्रिवेंद्र सिंह रावत की ईमानदारी जनता के दिलों को छू गई। एक कुशल शासक के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीन साल का कार्यकाल प्रदेश के आर्थिक हालातों को देखते बेहतर ही कहा जायेगा। लेकिन अगर जनता की नजर से देंखे तो भाजपा सरकार उनकी कसौटी पर खरी नही उतरी। भाजपा की डबल इंजन की सरकार रेंगती हुई दिखाई दी। जनता की इन्ही बातों को देखते हुए उत्तराखंड कांग्रेस के नेता साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की सरकार बनने का सपना देखने लगे। कांग्रेसियों को लगा कि अबकी बार उनकी सरकार बनेगी। लेकिन जमीनी हकीकत पर गौर करें तो कांग्रेस के पास जनाधार वाले नेताओं की भारी कमी दिखलाई पड़ रही है। ऐसे में चुनाव के वक्त भी कांग्रेस को प्रत्याशियों का टोटा दिखाई पड़ेगा। हरिद्वार विधानसभा सीट की बात करें तो मदन कौशिक को हराने के लिए कांग्रेस में कोई कददावर नेता का नाम सामने नही आता है। यही हाल रानीपुर,ज्वालापुर और ग्रामीण की सीटों पर है। कमोवेश कांग्रेस का यही हाल पूरे उत्तराखंड में है। महज जनता की भाजपा से नाराजगी को अपने पक्ष में जोड़कर अपनी सरकार का गणित बैठाना कांग्रेस की भूल होगी। कांग्रेस को अपने—अपने विधानसभा क्षेत्रों के दमदार और कददावर नेताओं के नामों पर अभी से विचार करना होगा। कांग्रेस को सपनो की दुनिया से बाहर आकर हकीकत देखनी होगी। बरना सपना सपना ही बनकर रह जायेगा।



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