नवीन चौहान
विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड पहुंचे प्रवासियों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। महज चंद दिनों के भीतर की 17 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार को चिंता सताने लगी है। प्रवासियों के जीवन को सुरक्षित बचाना और राज्य की जनता को कोरोना संक्रमण से दूर रखना प्रशासन के लिए एक कठिन चुनौती बन गया है। वही आने वाले दिनों में प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण से खुद को बचाकर रखना एक जटिल समस्या बनता जा रहा है।
बताते चले कि देश में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराया हुआ है। करीब दो माह के लॉक डाउन के बाद केंद्र सरकार की पहल पर प्रवासियों को उनके गृह जनपदों में जाना संभव हो पाया है। इसी क्रम में उत्तराखंड के प्रवासी नागरिकों के आने का सिलसिला चल रहा है। लेकिन बड़ी तादात में बाहरी राज्यों के रेड जोन से उत्तराखंड पहुंचे प्रवासियों से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।उत्तराखंड में पहला कोरोना संक्रमित मरीज 15 मार्च को मिला था। जिसके बाद 31 मार्च तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या महज 7 थी। जिसके बाद तबलीगी जमात के लोगों के कारण प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। प्रदेश सरकार की सूझबूझ और सुरक्षा के दृष्टिगत उठाए गए कदम प्रदेशवासियों को संक्रमण से बचाने में सफल हुए। प्रशासनिक अधिकारियों ने बेहतर कार्य करते हुए सरकार के दिशा निर्देशों का बखूवी पालन कराना और परिणाम सुखद रहे। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से किसी की मृत्यु नही हुई। लेकिन एकाएक प्रवासियों के घर वापिसी के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढोत्तरी सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चुनौती बन गई है। देहरादून, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में अचानक प्रवासी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद खतरे की घंटी बज गई है। हालांकेि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किए गए है। प्रशासन पूरी सतर्कता बरते हुए है। प्रवासियों की सैंपलिंग ली जा रही है। बाहरी राज्यों से आने वाले व्यक्तियों का मेडिकल के बाद क्वारंटीन किया जा रहा है। लेकिन इसके बाबजूद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ना एक मुसीबत का सबब बन चुका है। उत्तराखंड में सबसे बेहतर स्थिति में हरिद्वार जनपद के हालात है। यहां पर कोरोना संक्रमित 7 मरीजों में से 6 मरीज ठीक होकर घर जा चुके है। जबकि एक मरीज का स्वास्थ्य स्थिर है। जल्द ही इस मरीज के ठीक होने की संभावना है।