नवीन चौहान
पहले झूठे आरोप में युवक की पिटाई हुई फिर पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में युवक को हवालात में बंद कर दिया। जी हां कनखल में सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले दंपति ने जिस युवक को बीच सड़क पर दौड़ा-दौड़ा की पीटा उस पर 18 हजार रूपये चोरी करने का शक जताया था। जबकि युवक ने कोई चोरी की ही नहीं थीं। पुलिस की जांच में ये बात साफ हो गई कि युवक ने चोरी नहीं की है। फिर पुलिस ने लाठी डंडों से घायल युवक को हवालात में बंद रखा ये बड़ा सवाल हैं। इसी के साथ आरोप लगाने वाले दंपति खुद अवैध धंधों को अंजाम देता है। दंपति के संबंध पुलिस और पत्रकारों से है। इस बात की तस्दीक करने के बाद भी पुलिस ने महज शांति भंग में चालान किया।
कानून सभी के लिये बराबर होता है। गरीब हो या अमीर सभी पर अपराध के आधार पर ही धारायें लगती है। लेकिन कनखल पुलिस के लिये शायद ये बात लागू नहीं होती है। जब युवक की सरेराह बीच सड़क पर पिटाई हुई तो पुलिस ने पिटाई के प्रकरण की जांच करना मुनासिब क्यो नहीं समझा। पुलिस की जांच में ये बात स्पष्ट हो गई कि पिटाई करने वाला गंगाराम अवैध तरीके से सट्टे की खाईबाडी का धंधा करता है। फिर भी पुलिस ने पीड़ित पिटाई खाने वाले युवक को पिटने वाले आरोपी के साथ ही एक ही जुर्म में एक ही धारायें लगाकर हवालात में बंद क्यो किया। जबकि पिटने वाला और पिटाई खाने वाले दोनो पक्षों में कनखल पुलिस को कोई अंतर नजर नहीं आया। कनखल एसओ अनुज सिंह ने बताया कि युवक की पिटाई 18 हजार की चोरी के शक पर की गई थी। उन्हांंने बताया कि युवक ने चोरी नहीं की है। फिर पिटाई खाने वाले युवक का शांतिभंग में चालान करना किसी हद तक सही नहीं ठहराया जा सकता है।