परिवार का पेट पालने के लिए करती है जिस्मफरोशी, जिंदगी बन गई मजबूरी, देंखे वीडियो




नवीन चौहान
जिंदगी इंसान को गलत रास्ते पर चलने को मजबूर कर देती है। मजबूरी में इंसान अपनी आत्मा की आवाज को भी दरकिनार कर देता है। इंसान गलत कार्यो को करने को विवश हो जाता है। अगर वह महिला है तो उसकी जिंदगी दोहरे संकट से गुजरती है। कुछ ऐसा ही कुछ इन तमाम महिलाओं की जिंदगी में ​घटित हुआ। जिसके बाद ये तमाम महिलाएं जिस्मफरोशी के दलदल में उतरने को मजबूर हो गई। किसी को ससुराल में मुसीबतों का सामना करना पड़ा तो किसी को पिता के घर से बेज्जती मिली। अशिक्षा इनकी जिंदगी में आगे बढ़ने में आड़े आ गई। जिसके चलते कोई रोजगार नही मिला। सरकारी मदद लेने में पसीने छूट गए। जिंदगी में जिस पुरूष ने मदद करने के लिए हाथ थामा। उसी ने दामन को दागदार कर दिया। पेट की आग बुझाने की खातिर जिस्मफरोशी के दलदल में उतर गई।

ये भयावय और कड़वी हकीकत इन तमाम महिलाओं की जिंदगी से जुड़ी है। जिनको पुलिस ने अश्लील हरकत करने और राह चलते पुरूषों को अश्लील इशारा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जिंदगी की तकलीफे सभी महिलाओं की अलग—अलग है। लेकिन जिंदगी गुजराने के लिए इनके पास कोई तरीका नही है। इन महिलाओं के पुर्नउत्थान के लिए समाजसेवी संगठनों को पहल करनी होगी। या फिर किसी सरकारी अफसर को अफसरशाही छोड़कर इं​सानियत का फर्ज निभाना होगा। तभी समाज में इन जैसी महिलाओं को जिंदगी में आगे बढ़ने का रास्ता मिल पायेगा।
बात निकली है तो दूर तलक जायेगी। माता—पिता के घर में जन्मी एक बेटी बस पराया धन होती है। माता—पिता अपने बेटे की चाह में और उसको काबिल बनाने में लगे रहते है। बेटी को दूसरे के घर की अमानत समझकर विदा करने को ही अपनी जिम्मेदारी समझते है। ऐसे में एक बेटी अपने पिता के घर में भी मेहमान बनकर रहती है। जिस बेटी को मां बाप ने पराया धन माना हो उसको ससुराल में सम्मान मिले ऐसा कम ही हो पाता है। अगर पति शराबी और कुरीतियों से जुड़ा हो तो उस बेटी की जिंदगी नरक बन जाती है। पति की पिटाई और ससुराल के ताने उसको घर छोड़ने को विवश करती है। इन हालातों में अगर महिला ने घर छोड़ दिया तो समाज ​में उसको सम्मान मिले ऐसा कतई संभव नही होता। ऐसी तमाम महिलाओं की जिंदगी की कड़वी सच्चाई को सुना जाए तो पता चले कि इनको गलत रास्ते में चलने में पुरूषों का कितनी भूमिका है। पुरूष महिलाओं के कितने बड़े शुभचिंतक है। आखिरकार इन महिलाओं को भी अपनी जिंदगी जीने का हक है। खुली हवा में सांस लेने का अधिकार है। विचार किया जाए।

विचार किया जाए
कानून की नजर में ये तमाम महिलाएं अपराधी है। समाज का वातावरण खराब कर रही है। सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश सरकार को इन जैसी तमाम महिलाओं को उनकी क्षमता. योग्यातानुसार समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहिए। इनको रहने के लिए घर और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि ये महिलाएं सम्मान की जिंदगी जी सकें।



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