कुंभ—2021: दिव्य और भव्यता पर सवाल, होटलों में अभी तक बुकिंग नहीं




नवीन चौहान
तो क्या कोरोना संक्रमण के सामने आस्था डगमगा रही है। कुंभ को लेकर भले ही भव्य एवं दिव्य बनाने की तैयारी की जा रही हो, लेकिन आस्थावान श्रद्धालुओं की ओर से कुंभ में गोता लगाने की रूचि नहीं दिखाई पड़ रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि होटलों में किसी भी श्रद्धालु ने बुकिंग नहीं की है। जबकि सभी को पता होता है कि कुंभ जैसे भव्य आयोजनों में होटल में बुकिंग दो से चार महीने पहले करने के बाद ही रात को रुकने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। इससे हरिद्वार के होटल व्यवसायियों की चिंता बढ़ने लगी है कि कुंभ आयोजन में भी उनकी बदहाली दूर नहीं हो सकेगी।
कुंभ—2021 को सफल बनाने के लिए पिछले तीन साल से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पिछले एक साल से गंगा के घाटों के निर्माण के साथ पुलों का भी निर्माण सुचारू है। हाईवे का काम भी शुरू करा दिया गया। केंद्र और राज्य सरकार ने भी बजट में कोई कमी न आने देने का आश्वासन दिया। राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त बजट भी खर्च किया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम लगातार मैदान में उतरकर कुंभ को भव्य बनाने के लिए जुट गई। लेकिन जैसे ही चीन से कोरोना का वायरस देश में आया तो 23 मार्च—2020 को लॉकडाउन लगाना पड़ा। लॉकडाउन जब लगा तो हरिद्वार में कुंभ—2021 के कार्य बंद हो गए। तीन महीने के बाद कार्यों को जैसे तैसे कर शुरू कराया और अब अधिकांश कार्य अंतिम चरण में पहुंच गए है। मेला प्रशासन के अधिकारी मेलाधिकारी दीपक रावत के निर्देशन में लगातार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने में जुटे हुए हैं। लेकिन कुंभ दिव्य और भव्य तो श्रद्धालुओं की डुबकी लगाने से ही होगा। श्रद्धालु हरिद्वार के ही नहीं ​बल्कि पूरे विश्व से ही स्नान की पुण्य डुबकी लगाने के लिए आएंगे। लेकिन अभी तक किसी भी श्रद्धालु और यात्री ने कुंभ में आने के लिए होटलों में बुकिंग नहीं की है। होटल व्यवसायियों की चिंता बढ़ने लगी है कि कुंभ आयोजन शुरू होने में डेढ महीना शेष रह गया है तो कुंभ के स्नानों में भीड़ कैसे जुट पाएगी। उनका सवाल है कि यदि श्रद्धालु ही नहीं आएंगे तो कुंभ कैसे दिव्य और भव्य होगा।
पर्यटन से उम्मीद टूटी तो अब कुंभ से आस
अंतिम दिनों में चली चारधाम यात्रा में हरिद्वार के व्यवसायियों का काम नहीं चल सका। अब उन्हें कुंभ से बड़ी उम्मीदें है। हरिद्वार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा का कहना है कि कुंभ से उन्हें बड़ी उम्मीदें है कि कुंभ में यात्री आएंगे तो होटलों की रौनक लौट आएगी, लेकिन जिस तरह से अभी तक बुकिंग शुरू नहीं हो सकी है तो ऐसे में उम्मीदें धराशायी होती नजर आ रही है।
होटल व्यवसायी अखिलेश दूबे का कहना है कि कुंभ—2021 के लिए मेला प्रशासन को अपनी स्थिति स्पष्ट कर प्रचार प्रसार के लिए जुट जाना चाहिए। क्योंकि कुंभ में कम समय बचा है और लोगों के बीच जाकर कुंभ का संदेश देना जरूरी है।



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