Kumbh—2021: तो क्या डुबकी लगाने का पुण्य भी नहीं मिल सकेगा, बढ़ते कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई चिंता




जोगेंद्र मावी
कोरोना वायरस ने ठंड शुरू होते ही भयंकर रूप लेना शुरू कर दिया है। हाल में कार्तिक पूर्णिमा पर्व को स्थगित कर दिए जाने पर कुंभ—2021 के आयोजन को लेकर संशय शुरू हो गया है। क्योंकि दिल्ली के साथ कई अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है। ऐसे में लगने लगा है कि हरिद्वार में हो रहे कुंभ—2021 में डुबकी लगाने का पुण्य लोगों को नहीं मिल सकेगा।
देश में कोरोना वायरस ने फिर से दस्तक देनी शुरू कर दी है। दिल्ली में भयंकर मामले आने से पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड तक नहीं हैं और श्मशान घाटों में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लाइन लगी हुई है। दिल्ली में मामले आने पर अन्य प्रदेशों में भी सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। दिल्ली से आने जाने वालों पर नजर रखने के लिए विशेष पहरा बैठा दिया है। कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका के चलते हुए हरिद्वार में 30 नवंबर—2020 को होने वाले कार्तिक पूर्णिमा पर्व को जिला प्रशासन ने स्थगित कर दिया है। स्नानार्थियों को रोकने के लिए बॉर्डर पर कड़े इंतजाम कर दिए है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी गंगा में होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड प्रदेश में भी साप्ताहिक बंदी के नियम को कड़ाई से लागू कर दिया गया है। ऐसे में अब पूरे देश की नजर हरिद्वार में होने वाले कुंभ—2021 पर है। लोगों के जेहन में कुंभ—2021 के न होने जैसे सवाल उठने लगे है। हालांकि कुंभ प्रशासन केवल पूर्व में शुरू ही कार्य को कराने में जुटे हुए हैं, लॉकडाउन के बाद से कोई नया काम हरिद्वार में शुरू नहीं हो सका है। मेलाधिकारी दीपक रावत भी संकेत दे चुके थे कि कुंभ के लिए टेंटों की व्यवस्था का निर्णय अभी ठंडे बस्ते में ही पड़ा है। कुंभ क्षेत्र में अन्य व्यवस्था भी जुटाने का काम शुरू नहीं किया गया है।

हरिद्वार हरकी पैड़ी

प्रचार प्रसार पर नहीं है जोर
कुंभ—2021 में देश विदेशों में प्रचार प्रसार पूरी तरह से शून्य है। जबकि पूर्व में हुए कुंभ आयोजनों से तीन या चार महीने पूर्व पूरे देश के सामाजिक संस्थाओं, राज्य सरकारों को आमंत्रण देने का काम शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते हुए और स्थिति स्पष्ट न होने से प्रचार प्रसार शुरू नहीं किया गया है।
अखाड़ा परिषद कुंभ—2021 कराने में जुटी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र ​गिरि तो पहले से ही कह रहे है कि केवल संतों को ही स्नान की अनुम​ति दी जाए और अखाड़ों को एक—एक घाट आवंटित करते हुए उनके ईष्टदेवों की स्थापना कराकर कुंभ—2021 आयोजन संपन्न कराया जाए। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि यदि कुंभ शुभारंभ होने से पूर्व कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो कुंभ दिव्य और भव्य हो, लेकिन यदि कोरोना की स्थिति यथावत बनी रहे तो कुंभ—2021 सांकेतिक ही होगा।
नहीं हुआ कुंभ तो व्यापारियों की बिगड़ जाएगी व्यवस्था
हरिद्वार में कुंभ आयोजन नहीं हुआ तो व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी। क्योंकि पिछले एक साल से हरिद्वार में यात्रियों की संख्या बहुत कम आ रही थी, लेकिन 23 मार्च—2020 को लागू हुए लॉकडाउन के बाद से व्यवस्था दोबारा से पटरी नहीं लौट रही है। ऐसे में अब कुंभ आयोजन से उम्मीद थी कि होटल, बाजार का व्यवसाय फिर से उठ जाएगा, लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने से उम्मीद धराशायी होती नजर आ रही है।



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