नवीन चौहान.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बुधवार की दोपहर तहसील सदर में नकाबपोश हमलावरों द्वारा की गई अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू की हत्या के मामले में पुलिस को कुछ अहम सबूत मिले हैं। हमलावर भागते समय सीसीटीवी में कैद हो गए हैं, फुटेज देखने के बाद मृतक मनोज की बहन ने उनमें से दो ही पहचान की हैं। बहन ने एक को अपना पति और दूसरे को देवर बताया है। सिहानी गेट थाने में इस मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद में मनोज चौधरी की बहन सरिता का कहना है कि फुटेज में नजर आ रहे दो शख्स में एक उनका पति अमित डागर और दूसरा देवर नितिन डागर है। दोनों ने ही हत्या की है। वे दोनों वकील हैं। साजिश में ससुर मदन और दो अन्य अनुज व पालू शामिल हैं। मनोज की पत्नी कविता ने इन लोगों के खिलाफ ही नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।
सरिता ने बताया कि 24 जून से वह मायके में रह रही हैं। अमित ने चार दिन पहले भाई को हत्या की धमकी दी थी। बुधवार सुबह भी उसने उसे फोन करके कहा, तेरा रक्षाबंधन बिगाड़ दूंगा। अमित चिरंजीव विहार का निवासी है और नोएडा में प्रैक्टिस करता है। नितिन गाजियाबाद तहसील सदर में ही प्रैक्टिस करता है। मनोज 2008 से वकालत कर रहे थे। उनके पिता रंजीत सिंह दरोगा थे। उनका निधन हो चुका है