DAV जगजीतपुर में हर्षोल्लास से मनाया गया राष्ट्र पर्व, कर्पूरी ठाकुर के बारे में दी जानकारी




नवीन चौहान.
संवैधानिक प्रतिबद्धता, विश्व के सबसे बड़े संविधान होने का गर्व, राष्ट्र पर्व है 26 जनवरी। डीएवी हरिद्वार के परिसर में विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने बड़े ही गर्व से राष्ट्र ध्वज की प्रत्यंचा को खींचकर 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण किया। इस क्षण विद्यालय में उपस्थित सभी बच्चे एवं शिक्षक भी गौरवान्वित हो उठे।

देश का 75वाँ गणतन्त्र दिवस डीएवी हरिद्वार में हर्षोल्लास से मनाया गया। गणतंत्र के इस शुभ अवसर पर विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। ध्वजारोहण के पश्चात् प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने अपने सम्बोधन में संविधान के लागू होने से लेकर हमारे देश की चहुँमुखी प्रगति के बारे में बच्चों को बताया।

उन्होंने बताया कि हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा एवं सबसे सुदृढ़ संविधान है। डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनी समिति की दूरदर्शिता एवं देशभक्ति के जज़्बे के कारण ही यह सम्भव हो पाया। अपने संबोधन में उन्होनें भारत रत्न से सम्मानित जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के निर्बल वर्ग के लिए किए गए समाज सुधार के कार्यों का उल्लेख भी किया।

उन्होंने बच्चो को यह भी बताया कि जो कार्यक्रम दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित किया जाता है उसमें हम न केवल हर राज्य की विशेषता अपितु अपनी सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शन करते हैं तथा विश्व के किसी अन्य देश के प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति को आमंत्रित करते हैं जिससे की संपूर्ण विश्व भारत की प्रगति का साक्षी बने और पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक रिश्तों पर भी भारत का दबदबा बना रहे। आज हमारा देश सभी क्षेत्रों में उन्नति के नये आयाम स्थापित कर रहा है विज्ञान के क्षेत्र में, अंतरिक्ष विज्ञान में, रणनीति के क्षेत्र में, खेलों के क्षेत्र में, देश का आंतरिक विकास हो अथवा तकनीकी क्षेत्र, सभी में भारत विश्व गुरू बनने की राह पर निरन्तर आगे बढ़ रहा है, और इन सभी के लिए न केवल देश के राजनीतिज्ञ अपितु सभी देशवासियों का कहीं न कहीं हाथ अवश्य है।

हमें भी चाहिए की हम सभी अपने-अपने कार्य को निष्ठा से करें। जैसे विद्यालय में लगातार अवकाश होने के बावजूद सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने कार्य को पूरी निष्ठा से करते चले आ रहे हैं, आप सभी बच्चों से भी यही अपेक्षा करते हैं कि आप भी पूरी निष्ठा के साथ अपनी पढ़ाई कर न केवल अपने विकास में अपितु देश के विकास में भी योगदान करें। उन्होनें विद्यालय में इस शैक्षिक सत्र में आयोजित किए गए सभी कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा उन कार्यक्रमों के आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले, डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली, उत्तराखण्ड के सभी डीएवी विद्यालय के प्रधानाचार्यों, विद्यालय के सभी शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का हार्दिक धन्यवाद भी किया।

इसके बाद विद्यालय की शिक्षिकाओं ने राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत सुन्दर गीत प्रस्तुत किए।
विद्यालय की पर्यवेक्षिका श्रीमती कुसुम बाला त्यागी ने अपने संबोधन में बच्चों को बताया कि हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था। उस सोने की चिड़िया को मुगलों ने, अंग्रेजों ने अपने-अपने हिसाब से बहुत लूटा। परन्तु अब हमें इसे फिर से इसे सोने की चिड़िया बनाना है तथा अपने देश में किसी भी अन्य के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करना है। यह तभी सम्भव हो पाएगा जब हम अपने संस्कारों से, अपनी संस्कृति से अपने देश से सच्चा प्रेम करेंगे।

14 वर्ष पूर्व 26 जनवरी 2011 को वाणिज्य सार संग्रह के प्रथम संस्करण का विमोचन किया गया था, उसी परम्परा को जारी रखते हुए विद्यालय के वाणिज्य विभाग एवं वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किया गया वाणिज्य सार संग्रह के 14वें संस्करण का विमोचन विद्यालय प्रमुख मनोज कुमार कपिल, पर्यवेक्षिका कुसुम बाला त्यागी एवं हेमलता पाण्डेय द्वारा किया गया। वाणिज्य विद्यार्थी देश में होने वाली वाणिज्यिक गतिविधियों को पूरे वर्ष की मेहनत से इसे तैयार करते हैं तथा इसका संग्रहण अन्य विद्यार्थियों के प्रयोग हेतु विद्यालय लाइब्रेरी में किया जाता है।

सतलुज सदन एवं कृष्णा सदन द्वारा आयोजित इस पूरे कार्यक्रम की प्रशंसा सभी उपस्थित जनों द्वारा की गई। इस कार्यक्रम को तैयार करवाने में सोनिया कपूर एवं रश्मि बलूनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दीपशिखा शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। मिष्ठान वितरण के पश्चात् कार्यक्रम का समापन हुआ।



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