गाजे बाजे व फूलों की वर्षा के साथ चार बेटियों ने दी पिता को अंतिम विदाई




नोएडा। अब अंतिम सफर की तैयारी है और खूबसूरत मौत से मिलने की अब मेरी बारी है। आप सभी को अब मेरे आखिरी जश्न में आना है। जीने का मजा लिया और मेरी मौत का उत्सव भी मनाना है। नोएडा के उद्यमी हरी भाई लालवानी के कहे इन शब्दों को सही मायने में शनिवार को उनकी चार बेटियोंं ने हकीकत का रूप दिया। चारों बेटियां बैंड बाजे और उत्सव के साथ अपने पिता की अंतिम यात्रा निकाली। अंतिम यात्रा में पिता को कंधा दिया साथ ही जमकर फूल भी बरसाएं।
नोएडा के उद्यमी और नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष 65 वर्षीय हरी भाई लालवानी का 9 नवंबर को निधन हो गया था। उनकी अंतिम इच्छा थी कि जिस तरह बच्चे के जन्म के समय उत्सव मनाया जाता है, उनकी मौत के बाद अंतिम यात्रा को भी अंतिम उत्सव के रूप में मनाया जाए। उन्होंने जिदगी को जिया है। वह मानते थे कि शायद मौत जिदगी से भी खूब सूरत होगी, जिसे पाने के लिए जिदगी को गंवाना पड़ता है। खूबसूरत मौत से मिलने का उनका सफर इस दुनिया में अंतिम उत्सव के रूप में मनाया जाए। अपने पिता के निधन के बाद उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए उनकी बेटियों ने पूरी तैयारी कर की थी। हरी भाई की बेटी अनिता ने बताया कि सुबह 1० बजे उनके पिता की अंतिम उत्सव यात्रा सेक्टर-4० स्थित निवास से शुरू हुई। गाजे बाजे के अलावा अंतिम यात्रा में शामिल ट्रक को फूलों से सजाया गया। यात्रा सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास पहंुची। वहां लालवानी जी का अंतिम संस्कार किया गया। प्रिंस गुटका प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करने वाले उद्योगपति हरी भाई लालवानी दिल्ली के शालीमार बाग से वर्ष 1989 परिवार सहित नोएडा रहने आए थे। वर्ष 1994 में उन्हें नोएडा की सबसे पुराने औद्योगिक संगठन नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया था।


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