डीएम ​दीपक रावत की पहल पर ओएनजीएस ने बढ़ाये कदम




नवीन चौहान
छात्रों की शिक्षा,स्वास्थ्य, कुपोषण आदि को दूर करने के लिये जिला प्रशासन ने सीआरएस की मदद से कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी दीपक रावत ने हरिद्वार जनपद को सुदृढ और अग्रणी बनाने की पहल करते हुए सीडीओ विनीत तोमर के साथ ओएनजीसी के प्रतिनिधि उप महाप्रबंधक शरद घिल्डियाल, मोनू भटनागर, एमडी एचआर ओएनजीएस श्री मति पंत के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
बताते चले कि विकास विभाग को मिलने वाले सीएसआर फण्ड से छात्रों की शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण आदि समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य किया जाता है। जिलाधिकारी ने सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी से जिले में सुधारात्मक सहयोग की भावना से स्वंय प्रशासन तक पहुंचने वाले ओएनजीसी संस्थान का आभार व्यक्त किया। डीएम ने अभिलाषी जनपद के लिए आईओसी के बाद ओएनजीसी की तरफ से बड़ी धनराशि व्यय किये जाने पर जनपद के पिछड़े आंकड़ो में भारी सुधार की आशा जतायी। ओएनजीसी अधिकारियों ने इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व सम्बंधित विभागों को आवश्यक संसाधनों की डीपीआर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किये जाने का अनुरोध किया। डीएम ने 04 जनवरी तक सभी आवश्यकताओ की मानक सूची ओएनजीसी को प्रेषित करने की समय सीमा निधार्रित की। ओएनजीसी सीएसआर के अंतर्गत जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण, पहले से चल रहे केंद्रों के सुदृढीकरण, महिलाओं के लिए सिलाई मशीन, विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर शौचालय जिसमें दिव्यांग छात्रों के विशेष शौचालय, स्वास्थ्य विभाग को एम्बुलेंस, मोबाइल युनिट, अल्ट्रासाउंड मशीन, एनजीओ के माध्यम से एंटी रेबीज वाॅयल, संस्थागत प्रसव के लिए सब सेंटर, एनआरसी सेंटर के लिए रेस्ट रूम आदि भी उपलब्ध करायी जायेंगी।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त ललित नारायण मिश्र, एचआरडीए सचिव केके मिश्र, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरडी शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रेमलाल, परियोजना अधिकारी मुकल चौधरी सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।



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