नवीन चौहान
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दो दिवसीय दौरा उत्तराखंड में प्रस्तावित हैं। बताया जा रहा है कि वह 10 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं। इस दौरान वह पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, इसके लिए प्रदेश संगठन भी कार्यक्रम की तैयारी में जुटा है, लेकिन इसी बीच शुक्रवार को नया घटनाक्रम हो गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। मुख्यमंत्री के इस कदम से प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
भाजपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने जेपी नड्डा के दौरे की पुष्टि की है। उनका कहना है कि दो तीन दिन में पार्टी अध्यक्ष के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। प्रदेश में पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार के मुताबिक अभी तक प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष 10 व 11 जुलाई को देहरादून में रहेंगे। इस दौरान वे मंडल कार्यसमिति की बैठक में भाग लेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रदेश में दो दिवसीय दौरे के दौरान वह मंत्रियों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। कुछ बैठकें वर्चुअल करने पर भी विचार हो रहा है।
ऐसे में शुक्रवार को जो नया घटनाक्रम हुआ उसके बाद अब यह देखना होगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई प्रदेश में कौन मुख्यमंत्री करता है। क्या पार्टी हाईकमान तीरथ सिंह रावत को ही प्रदेश की कमान बने रहने देंगे या फिर कोई नया चेहरा पार्टी का प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में सामने लाया जाएगा। एक बात यह भी चर्चा में है कि पार्टी एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही कमान सौंप सकती हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा फिलहाल उप चुनाव कराने के मूड में नहीं है। ऐसे में पार्टी क्या रणनीति अपनाती है इस पर सभी की नजर बनी है।
खबरनवीश जहां खबरों की तह तक जाने में लगे हैं वहीं कुर्सी के दावेदार कुर्सी पाने की जुगत में जुट गए हैं। राजभवन की ओर भी इस संबंध में नजर लगी हैं। अब देखना यही है कि सुबह ऊंट किस करवट बैठता है।
चर्चा ये भी है कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तराखंड दौरे पर आ रही रहे हैं तो फिर तीरथ सिंह रावत को इस्तीफे की पेशकश दिल्ली जाकर करने की क्या जरूरत थी। वह अपना इस्तीफा देने की पेशकश उस वक्त भी कर सकते थे जब पार्टी अध्यक्ष प्रदेश में होते। राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर जो तारीख बतायी जा रही हैं उनमें केवल आठ दिन ही शेष हैं, ऐसे में सवाल यही उठ रहा हैं कि तीरथ सिंह रावत ने जो काम आज किया वह आठ दिन बाद भी किया जा सकता था।
इस पूरे मामले पर विपक्ष भी अपनी नजरें गड़ाए हैं। विपक्ष का कहना है कि भाजपा प्रदेश की जनता के साथ धोखा कर रही है। प्रदेश सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए बार बार मुख्यमंत्री बदल रही है। जनता सब जान रही है, इसका जवाब वह भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में देगी।