प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा कर रही उनकी बेटी श्रुति लखेड़ा




नवीन चौहान
इंसान में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो कोई भी मुश्किल उसको लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। कुछ ऐसे ही मजबूत इरादे और बुलंद हौसले के साथ श्रुति लखेड़ा ने लालढांग के गरीबों का उद्धार करने का संकल्प किया। कोरोना संक्रमण काल में अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना ही गरीब आदिवासियों के तमाम सरकारी दस्तावेजों को पूरा कराने की दृढ इच्छाशक्ति की। इसी लक्ष्य को पूरे मनोभाव के साथ श्रुति लखेड़ा पूरा करने में जुटी है। सरकारी दस्तावेतों को पूरा कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के समन्वय से कार्य कर रही है। ग्रामीणों के दस्तावेजों को पूरा करा रही है। आदिवासियों को उनके हक हकूक को दिलाकर उनके जीवन में एक नई उमंग और तरंग पैदा कर रही है। आदिवासी ग्रामीणों को भी अपने जीवन में एक नई दिशा मिल गई है। जिसके बाद उनको भी मनरेगा योजना के तहत रोजगार और सरकारी राशन मिलने की उम्मीद जगी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने में श्रुति लखेड़ा जी जान से जुटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का सर्वागीण करने के लिए गांवों के एक व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाने का सपना लेकर कार्य कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने और आर्थिक संपन्न बनाने की दिशा में कई बेहतरीन योजनाओं को शुरू ​किया। गरीबों को आवास और शौचालय से लेकर तमाम योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने अपने खजाने का मुंह खोल दिया। लेकिन केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंचते—पहुंचते दम तोड़ने लगती है। लेकिन गरीबों की सेवा करने का मजबूत संकल्प लेकर एक शिक्षित समाजसेवी श्रुति लखेड़ा ने पीएम मोदी के सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया। श्रुति ने रैबार एनजीओ के माध्यम से कुछ अरसे पूर्व लालढांग क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का कार्य शुरू किया। लेकिन आदिवासियों की तमाम समस्याओं को देखकर उनका दिल विचलित हो उठा। श्रुति लखेड़ा ने जब नजदीक से इन आदिवासियों की समस्याओं को जाना समझा तो पता चला कि उनकी अशिक्षा उन्नति के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा बनी है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी गरीबों की तमाम सरकारी योजनाओं को डकार रहे है। गरीबों को उनके हक हकूक से वंचित किया जा रहा है। मनरेगा के तहत मिलने वाली धनराशि का गबन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले आवास के नाम पर धांधली हो रही है। पीएम योजना में मकान दिलाने के नाम पर गरीबों से पैंसे लिए जा रहे है। जिसके बाद श्रुति लखेड़ा ने आदिवासियों को उनका हक हकूक और इंसाफ दिलाने की मुहिम शुरू कर दी। ग्रामीणों को संगठित किया और उनकी समस्याओं को प्रशासनिक पटल पर रखा। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुना और प्रशासनिक अधिकारियों को इन समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। डीएम सी रविशंकर ने लालढांग में रोजगार के अवसर पैदा करने और क्षेत्र का विकास करने का विजन ​तैयार किया। डीएम ​सी रविशंकर के निर्देशों के बाद एनजीओ संचालिका श्रुति लखेड़ा को ग्रामीणों के जीवन में उद्धार होने की उम्मीद जगी। श्रुति ने प्रशासनिक अधिकारियों ने तालमेल बनाने के बाद ग्रामीणों के तमाम दस्तावेजों को पूरा कराया। श्रुति ने घर—घर जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को नोट डाउन किया और दूर करने की दिशा में कार्य किया।
लालढांग में विकास की पटकथा
श्रुति ने बताया कि लालढांग के रसूलपुर ग्राम सभा में 70 प्रतिशत लोगों के जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने का कार्य पूरा हो गया है। जबकि 450 नए जॉब कार्ड बनाने का कार्य हुआ है। 50 नए शौचालय के लिए आवेदन है। पीएम आवास योजना के तहत 70 नए आवेदन है। राशन कार्ड के 50 नए आवेदन, पशुशेड के 130 नए आवेदन, पेंशन योजना के कागज तैयार हो रहे है। मनरेगा के तहत सीसी रोड का निर्माण कार्य होने की तैयारी है। जबकि रसूलपुर के ढांढियावाला टोंक और मंगोलपुरा में दो झीलों के पुनर्जीविकरण व सौंदर्यीकरण का कार्य प्रगति पर है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *