श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ध्यानी की पहल पर निजी कॉलेजों की सम्बद्धता होगी आनलाईन




नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय व उससे सम्बद्ध निजी कॉलेजों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने अनूठी पहल की है। उन्होंने सभी निजी कॉलेजों की संबद्धता प्रक्रिया को आन लाइन शुरू कर दिया है। जिसके बाद से निजी कॉलेजों को अपना तमाम ब्यौरा देना होगा। भवन, स्टॉफ, कंप्यूटर से लेकर तमाम सटीक जानकारी विश्वविद्यालय को देनी होगी। गलत जानकारी देते पर उनकी संबद्धता निरस्त कर दी जायेगी। इससे पूर्व कुलपति डॉ ध्यानी नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने का उल्लेखनीय कार्य कर चुके है। कुलपति डॉ ध्यानी ने पहाड़ों के कॉलेजों में पैदल चलकर छापेमारी करके नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराई थी।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी एक ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी है। उनकी ईमानदार कार्यशैली उनकी पहचान है। कुलपति पद पर कार्यभार ग्रहण करते समय से ही उन्होंने नकलवहिनी परीक्षायें सम्पादित करवाने का संकल्प किया। जो पूरा कर दिखाया। उनके बाद समय पर परीक्षाफल घोषित करने का कारनामा भी वह कर चुके है। विश्वविद्यालय के में प्रशासनिक ढांचा सृदृढ़ करने के साथ ही साथ मान्यता प्रणाली को जवाबदेही व पूर्णरूपेण पारदर्षी बनाया जाना भी उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में रखा था। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने अपनी प्राथमिकताओं को पूर्ण करने हेतु सीमित संसाधनों के बावजूद भी निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में विश्वविद्यालय से 53 राजकीय महाविद्यालय एंव 114 निजी स्वः वित्त पोषित संस्थान सम्बद्ध हैं। माह जनवरी एंव फरवरी 2020 में सम्पादित हुयी परीक्षाओं में कुलपति डॉ ध्यानी द्वारा स्वंय 53 परीक्षा केन्द्रो का औचक निरीक्षण किया गया तथा किसी भी परीक्षा केन्द्र में यदि किसी प्रकार की त्रुटि मिली तो उनके द्वारा सम्बन्धित परीक्षा केन्द्रो को फटकार लगाने के साथ साथ परीक्षा केन्द्रो को परीक्षा केन्द्र बनाये जाने से वंचित किया गया।
वर्तमान कोविड 19 की महामारी में कुलपति के निर्देशानुसार पूर्व कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी और वर्तमान कुलसचिव दिनेश चन्द्रा कुलसचिव के अथक प्रयासों से विभिन्न महाविद्यालयों की सम्बद्धता हेतु आनलाईन पोर्टल तैयार किया गया है। जिसके आज दिनांक 20 जुलाई, 2020 से प्रारम्भ कर दिया गया है।
कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने बताया कि सम्बद्धता हेतु आनलाईन पोर्टल बनने से आवेदन करने वाले संस्थानो/महाविद्यालयों का समय एवं धन की बचत होगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और साथ ही साथ आनलाईन प्रणाली से कार्य में सुचिता एंव पारदर्शिता भी बनी रहेगी एवं सम्बन्धित संस्थान एंव महाविद्यालय को समय समय पर विश्वविद्यालय द्वारा की गयी कार्यवाही की आनलाईन जानकारी भी प्राप्त होती रहेगी। इसके साथ ही कुलपति डॉ ध्यानी द्वारा यह भी जानकारी दी गयी कि कोई भी संस्थान एंव महाविद्यालय स्वीकृत सीटों से एक सीट पर भी अधिक प्रवेश करेगा तो उस संस्थान के प्रवेशित समस्त छात्रों की परीक्षायें नही करवायी जायेगी साथ ही उसकी सम्बद्धता समाप्त किये जाने की आवश्यक कार्यवाही भी की जायेगी। ऋशिकेश परिसर को आदर्श परिसर बनाना कुलपति डॉ ध्यानी की प्राथमिकताओं में से है। ऋशिकेश परिसर में प्रशासनिक एवं शैक्षिक भवनों का निर्माण हेतु विस्तृत आंगणन तैयार किया जा चुका है। जो शासन को प्रेेषित किया जा रहा है। साथ ही साथ परिसर में शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और विज्ञप्ति शीघ्र ही जारी की जायेगी। कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे के सुधार हेतु कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों की प्रति सप्ताह/माह समीक्षा बैठक कुलपति द्वारा ली जा रही है। अब कार्यो का निस्पादन अतिशीघ्र हो रहा है। सीमित संसाधनों के बावजूद भी उत्कृष्ट कार्य करते हुए सुदृढ़ नींव रखना डॉ ध्यानी का एक मात्र लक्ष्य है।
कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने बताया कि सम्बद्धता हेतु आनलाईन आवेदन करने की अन्तिम तिथि 31 अगस्त, 2020 तक रखी गयी है और इसके बाद किसी भी दशा मेे इसे आगे विस्तारित नही किया जायेगा।



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