सरकारी मेहमान बने स्कूली बच्चों को भूखे पेट चार किलोमीटर पैदल चलाया, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार।  हरिद्वार के जिला प्रशासन द्वारा आयोजत एक कार्यक्रम में हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों से आये स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पडा। सरकारी कार्यक्रम के विशेष मेहमान बने इन स्कूली बच्चों को चार घंटे भूखे पेट रहना पडा। खाली पेट चार किलोमीटर तक का पैदल सफर किया और सडकों पर नारेबाजी कराई गई। जब कार्यक्रम संपन्न हुआ तो बच्चों को पीने के लिए पानी और बिस्किट तक नहीं दिया गया। जब इस बात की जानकारी जिलाधिकारी दीपक रावत को लगी तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि सीएम साहब के कार्यक्रम में बिजी होने के कारण वह रैली का हिस्सा नहीं बन पाये। लेकिन बच्चों के लिये तमाम व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी रैली के संयोजक डाॅ नरेश चौधरी ने ली थी। वह इसकी जानकारी प्रशासन के अधिकारियों से कर रहे है। जल्द ही कार्रवाई करेंगे।

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जिलाधिकारी दीपक रावत के निर्देशन पर जनपद में मीजल्स रूबैला कार्यक्रम को सफल बनाने के हरिद्वार के सभी सरकारी और निजी स्कूलों से सहयोग लिया जा रहा है। मीजेल्स रूबैला कार्यक्रम की सफलता के लिये सभी सरकारी और निजी स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने की बड़ी तैयारी जिला प्रशासन की ओर से की गई है। इसी अभियान की शुरूआत के जनजागरण जागरूकता रैली से किया गया। जिलाधिकारी दीपक रावत ने इस रैली में भाग लेने वाले सभी स्कूली बच्चों की सुरक्षा और व्यवस्था पर प्रशासन के लोगों से समीक्षा बैठक की थी। रैली की विशेष शोभा बढ़ाने वाले स्कूली बच्चों के खाने और पीने के तमाम इंतजाम कराने के निर्देश दिये गये।

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इस रैली की जिम्मेदारी डाॅ नरेश चौधरी ने खुद ग्रहण करते हुये जिलाधिकारी दीपक रावत को पूरी तरह से भरोसा दिया कि वह बच्चों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने देंगे। जिलाधिकारी दीपक रावत ने बाकायदा बच्चों पर होने वाले खर्च के बजट जारी करने के आदेश भी दिये। लेकिन डाॅ नरेश चौधरी ने जिलाधिकारी दीपक रावत के तमाम निर्देश हवा में उडा दिये। डाॅ नरेश चौधरी के तमाम व्यवस्थाओं की पोल तब खुल गई जब बच्चों को पीने के लिये पानी तक नहीं मिला। रैली समापन स्थल पर बच्चों को कोई लंच पैकेट तक नहीं दिया गया। रैली समाप्त होने के बाद जब बच्चों ने जब घर जाकर अभिभावकों को ये बात बताई तो वह चिंतित हो गये। प्रशासन की इस बदइंतजामी पर अभिभावकों को सोचने पर विवश कर दिया। जिलाधिकारी दीपक रावत ने इस बदइंतजामी पर सख्त नाराजगी दिखाई है।



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