रामलीला का प्रकरण हाईप्रोफाइल, भोला के खिलाफ शिकायत डीजीपी दरबार





नवीन चौहान
हरिद्वार के रामलीला रंगमंच समिति मायापुर में गड़बड़झाले का प्रकरण हाईप्रोफाइल हो गया है। भोला शर्मा ने पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रदीप चौधरी, सदन लाल साहू व पवन अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद सदन लाल साहू की ओर से भोला शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने की शिकायत पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, एसएसपी हरिद्वार को दी गई है।
पुलिस मुख्यालय को भेजी गई शिकायत में सदन लाल साहू महामंत्री रामलीला रंगमंच समिति मायापुर ने बताया कि वहरामलीला रंगमंच समिति मायापुर हरिद्वार का महामंत्री है। रामलीला रंगमंच समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष रामलीला भवन मायापुर हरिद्वार में रामलीला का मंचन कराया जाता है। कोविड-19 की आपदा के चलते वर्ष 2020 में रामलीला रंगमंच समिति द्वारा रामलीला मंचन नहीं कराने का निर्णय किया था। ऐसी परिस्थिति में दिनांक 11 अक्टूबर 2020 को भोला शर्मा पुत्र विष्णु कुमार शर्मा निवासी निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार ने रामलीला रंगमंच समिति को एक प्रार्थना पत्र रामलीला मंचन कराने की अनुमति के लिए दिया। जिस पर रामलीला रंगमंच समिति ने विचार कर भोला शर्मा को वर्ष 2020 के लिए रामलीला मंचन के अनुमति प्रदान कर दी। इनके आग्रह पर रामलीला मंचन के खर्च हेतु चंदा एकत्रित करने के लिए 7 रसीद बुक भी इन को दे दी गई। इन रसीद बुक पर उनके द्वारा रामलीला मंचन हेतु अनेक लोगों से रामलीला रंगमंच समिति के नाम पर चंदा एकत्रित किया गया। धन प्राप्त का नया तो कोई हिसाब-किताब इन लोगों द्वारा दिया गया। और ना ही रामलीला रंगमंच समिति के खाते में जमा कराया गया। और न ही रसीद बुक की काउंटर फाइल रामलीला रंगमंच समिति के पास जमा कराई गई। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा डुप्लीकेट रसीद बुक छपवाकर फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी से भी एकत्रित किया गया। रामलीला रंगमंच समिति के कार्यालय एवं रामलीला भवन मायापुर हरिद्वार के रामलीला मंचन हेतु उक्त लोगों की सुपुर्दगी में रहा है। इन लोगों द्वारा समिति के कार्यालय में रखे दस्तावेज कार्यवाही रजिस्टर, हिसाब-किताब, फाइल, रसीद बुक आदि सामान भी गायब कर दिया गया है। हिसाब किताब व सामान की मांग रामलीला रंगमंच समिति द्वारा बार-बार की गई। परंतु ?इन लोगों ने न तो एकत्रित की गई धनराशि समिति के खाते में जमा कराई। और ना ही कोई हिसाब किताब दिया। न ही गायब किया उपरोक्त सामान लौटाया गया। तत्पश्चात रामलीला समिति द्वारा भोला शर्मा को पंजीकृत नोटिस उक्त संबंध में प्रेषित कराया गया। नोटिस के बाद भी गबन की गई धनराशि व सामान को जमा नहीं कराया। इस प्रकार इन लोगों ने समिति के नाम पर चंदे से प्राप्त की गई धनराशि गमन की है। तथा समस्त दस्तावेज सामान आदि गायब कर अमानत में खयानत की गई है। रामलीला रंगमंच समिति के नाम पर रसीद छपवा कर धोखाधड़ी की गई है। उपरोक्त के संबंध में प्रार्थी रिपोर्ट लिखाने थाने गया परंतु प्रार्थी की रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
भोला शर्मा ने बताया कि उक्त सभी लोग रामलीला रंगमंच समिति मायापुर के नाम पर धन का फर्जीबाड़ा कर बंदरबांट करते रहे है। जब भगवान श्रीराम के नाम पर संस्था में लूट का पर्दाफाश करने की कोशिश की और शिकायत की गई तो यह सभी बौखला गए। पुलिस अधिकारियों ने जांच करने के बाद पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रदीप चौधरी, सदन लाल साहू और पवन अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। जिसके बाद से ​मेरे खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है। भगवान श्रीराम के नेक कार्य में जुटा हूं। मुझे पुलिस विभाग से न्याय की पूरी उम्मीद है। इनके आरोप झूठे और निराधार है। मैं भगवान शिव का भक्त हूं। और संस्था पर काबिज इनकी मनमानी को खत्म करने को लेकर सत्य की लड़ाई में शामिल हूं। रामलीला रंगमंच मायापुर के मठाधीश पदाधिकारी मुझ से जिस हिसाब की बात कर रहे हैं उसका हिसाब तो स्वयं इन्होंने ने ही जनता और सरकार को देना है।
सन 2020 में कोरोना के कारण और निष्क्रिय होने के कारण ये सभी पदाधिकारी रामलीला नही कर रहे थे, जबकि हम कलाकार जो इस लीला से भगवान राम में धार्मिक आस्था होने के कारण जुड़े हुए थे लीला करना चाहते थे, उस स्थिति में हमने इन्हें आश्वासन दिया कि हम सभी कलाकार आपके साथ हैं और लीला कराने में पूर्ण सहयोग करेंगे उसके एवज़ में इन्होंने हम सभी से लिखित आश्वासन मांगा और हमने दिया। उसके बाद तथाकथित अध्यक्ष पवन कुमार जो समिति का साधारण सदस्य होने के बावजूद खुद को अध्यक्ष बताता है ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखित में प्रार्थना पत्र दिया और जिस पर माननीय सिटी मजिस्ट्रेट महोदय ने अनुमति दी। (सभी प्रमाण मौजूद हैं)। इसके बाद इन्होंने हम सब कलाकारों के सहयोग से लीला की (इसकी भी फोटो सहित प्रमाण हैं)ऐसे में मुझ से किस बात का हिसाब मांग रहे हैं। असल मे ये सब हिसाब इन सब मठाधीशों को जनता को देना है। मैं जनहित की मुहिम को आगे बढ़ा रहा हूं. मेरा किसी से कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है. भगवान श्री राम के आयोजन को लेकर होने वाला कार्य पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ होना चाहिए. बौखलाहट में मेरे खिलाफ जो झूठी शिकायतें दी गई है वे निराधार हैं. पुलिस जांच में सब सच सामने आ जाएगा



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