पेट भरने के लिए जिस्म बेचती है ये तीनों महिलाएं,पढ़िए दर्द भरी दास्तां




नवीन चौहान
पेट की आग बुझाने के लिए जिस्म बेचती है। ग्राहकों को बुलाती और होटल के कमरे में ले जाती है। जहां ग्राहक उनके शरीर को नोंचता है। कई बार पैंसे भी नही देता। लेकिन वह मुंह नही खोलती। पुलिस से शिकायत करने भी नहीं जाती। किसी भेड़िए पर जबरन बलात्कार करने का आरोप भी नही लगाती। ये महिलाएं भेड़ियों से दर्द सहने के बाद फिर एक बार ग्राहकों की तलाश में निकल पड़ती है। कुछ ऐसी ही कहानी है इन तीनों महिलाओं की जो हरिद्वार रेलवे स्टेशन के बाहर ग्राहकों को अश्लील इशारे करके खुद का शरीर नोंचने के लिए भेड़ियों को बुलाती है। ऐसी ही तीन महिलाओं को पब्लिक के लोगों ने पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने तीनों महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। घटना नगर कोतवाली क्षेत्र की है।
बुधवार की रात्रि हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने भारी भीड़ लगी थी। कुछ पब्लिक के लोग तो कुछ पुलिसकर्मी दहलकदमी कर रहे थे। भारी शोरगुल हो रहा था। लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। पूछने पर पता चला कि तीन महिलाओं को लोगों ने पकड़ा है। जब पता कि ये तीनों महिलाएं कौन है तो मालूम हुआ कि जिस्मफरोशी का धंधा करती है। रेलवे स्टेशन के बाहर आदमियों को आवाज लगाती है अपने पास बुलाती है और उनको फंसाकर होटल के कमरे में ले जाती है। जहां उनके पैंसे लेकर सेक्स करती है। तीनों महिलाओं को लोग नफरत भरी नजरों से देख रहे थे। जब इन महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने अपने बारे में बताया। महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या पेट भरने की थी और परिवार का पालन पोषण करने की थी। इन महिलाओं के पति ने छोड़ दिया था तो किसी के मां बाप नही है। बस दो वक्त की रोटी के लिए जिस्म बेचना ही इनके पास आय का साधन था। कम पढ़ा लिखा होना इनकी मजबूरी थी। काम कोई आता जाता नही। जीवन में जीने की राह किसी ने दिखलाई नही। पति ने जिस्म नोंचकर जो बच्चे दिए उन्ही का पेट भरने के लिए खुद का शरीर बेच रही थी। इन महिलाओं की आत्मा मानों मर चुकी थी। तमाम पुरूषों ने इन महिलाओं को घेरा हुआ था। पुलिस आ गई और बैटरी रिक्शा में बैठाकर कोतवाली ले गई। पुलिस ने चालान कर दिया। सवाल कई गहरे दिमाग में घूम रहे थे। आखिरकार इन महिलाओं का दोषी कौन है। वो पिता जिन्होंने इनको संस्कार नही दिए। वो पति जिसने बच्चे पैदा करने के बाद घर से निकाल दिया। वो ग्राहक जो सेक्स करने के बाद इनके पैंसे नही देता। वो पुरूष वर्ग जो पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर रहा है। जो वो देश का सिस्टम जो पुरूष अपने वर्चस्व को देखते हुए बना रहा है। इन महिलाओं के लिए सरकारी की क्या व्यवस्थाएं है। आप भी सोचो। हो सके तो हमे भी बताओ। ऐसी महिलाओं के लिए पुरूषों को क्या करना चाहिए।



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