योगेश शर्मा
कांवड़ मेले में कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। जबकि चिकित्सा के सभी इंतजाम सीमित है। वही दूसरी ओर, आस्थावान शिवभक्तों की आस्था के सैलाब के सामने प्रशासन के तमाम इंतजाम बौने साबित होते है। कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए की गई जिला प्रशासन की सभी तैयारियां भगवान शिव के भरोसे ही रह जाती है। डाक कांवड़ के वक्त तो जिला प्रशासन सड़क किनारे मूकदर्शक बनकर बैठ जाता है। ऐसे हालात कोरोना संक्रमण के फैलने से भी इंकार नही किया जा सकता है।
विगत दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध था। जबकि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो देश में 13,615 कोरोना संक्रमएा के नए मामले सामने आए हैं। जबकि, एक दिन पहले देश में 16,678 नए मामले दर्ज किए गए थे। इससे पूर्व 10 जुलाई को 18,257 केस सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे के अंदर 13,265 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। वहीं इस दौरान 20 लोगों की मौत भी हुई है। देश में अब कोरोना के 1,31,043 सक्रिय मरीज हैं।
वही शिवभक्तों की आस्था के सामने सरकार ने अपने कदम पीछे खीच लिए। सरकार ने कांवड़ यात्रा को हरी झंडी तो शिवभक्तों के चेहरे खिल उठे। शिवभक्तों ने मां गंगा के तट हरिद्वार और मां गंगा की उदगम स्थली गंगोत्री धाम में जाने की तैयारी शुरू कर दी। सरकार और प्रशासन की बात करें तो कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की संख्या करीब 4 करोड़ बताई जा रही है। हालांकि चार करोड़ की संख्या कुल कांवड़ियों की होगी। लेकिन प्रतिदिन आने वाले कांवड़ियों की संख्या लाखों में होने और भीड़ जुटने से संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना भी बरकरार रहती है।