uttarakhand में ट्रैवल माफियाओं ने बिछाई बिसात, खनन माफियाओं ने नही मिली निजात





नवीन चौहान
उत्तराखंड में ट्रैवल माफियाओं ने बिसात बिछा दी है। ट्रैवल माफियाओं ने हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के सैंकड़ों वाहनों का काफिला हरिद्वार बुला लिया है। इन वाहनों में बैठाकर श्रद्धालुओं का चारधाम यात्रा पर भेजा जायेगा। जबकि उत्तराखंड के पर्यटन कारोबारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। हालांकि परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट वाहनों में य़ात्रियों को चारधाम पर जाने की रोकथाम के लिए प्रवर्तन की टीम पूरी तरह से अलर्ट है। ऐसे सभी वाहनों को सीज कर चालान किया जायेगा। हरिद्वार के एआरटीओ कार्यालय में करीब 1132 वाहनों के ग्रीन कार्ड जारी किए गए है।
त्तराखंड के चार धामों में यमुनोत्री, गंगोत्री, ​केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम विश्व प्रसिद्ध है। यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ विधिवत पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे। जबकि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट भी पूजा अर्चना के साथ खोले जायेंगे। चारों धामों के दर्शन करने के लिए आस्थावान श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचने लगे है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से संयुक्त रोटेशन की बस को हरी झंडी दिखाकर यात्रा का विधिवत शुभारंभ कर दिया है। लेकिन इन सभी के बीच सबसे अहम बात यह है कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के ट्रैवल माफियाओं ने अपने निजी और कमर्शियल वाहनों के साथ हरिद्वार में डेरा डाल लिया है। सुबह तड़के पौ फटते ही प्राइवेट वाहनों को यात्रा के लिए रवाना करने की तैयारी शुरू कर दी है।
उत्तरी हरिद्वार और बैरागी कैंप में तमाम हरियाणा और पंजाब नंबर के वाहनों को देखा जा सकता है। आने वाले दिनों में इन वाहनों की संख्या में इजाफा होगा। उत्तराखंड के वाहनों से कुछ कम कीमत पर ये वाहन यात्रियों को चारधाम लेकर जाते है। जबकि इन वाहनों के चालकों को उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने का अनुभव नही होता। साथ में देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक महत्व के ज्ञान से भी अनभिज्ञ होते है। जबकि आस्थावान श्रद्धालुओं की जान भी खतरे में बनी रहती है।
ऐसे तमाम वाहनों की रोकथाम के लिए एआरटीओ रत्नाकर ने पूरी तैयारी की हुई है। परिवहन विभाग का सचल दस्ता सक्रिय कर दिया गया है। हालांकि अभी तक बाहरी राज्यों के 32 वाहनों के ही ग्रीन कार्ड बने है। लेकिन जैसे ही यात्रा अपने चरम की ओर अग्रसरित होगी तो पर्यटन माफियाओं का खेल भी शुरू हो जायेगा।



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