त्रिवेंद्र सरकार के उठाये कदम राज्य के लिये शुभ, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह सरकार के उठाये गये कदम राज्य के लिये शुभ संकेत की ओर इशारा कर रहे है। उनकी सरकार के 11 माह के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि सरकार के किसी मंत्री का कोई घोटाला सामने नहीं आया है। पिछले 17 सालों के घोटालों का दंश झेल रहा उत्तराखंड प्रदेश का नेतृत्व पहली बार कोई दूरदर्शी सोच का व्यक्ति कर रहा है। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने कोई हवाई घोषणायें नहीं की। अनाप-शनाप नियुक्तियां नहीं की। राज्य के आर्थिक हालातों का मंथन किया। आर्थिक संकट को दूर करने का प्रयास किया। सरकार की ओर से जो निर्णय लिये गये वो जनहित में लिये गये। जनता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सीएम त्रिवेंद्र की धीमी रफ्तार वर्तमान स्थिति में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं की महत्वकांक्षाओं की कसौटी पर खरी उतरती दिखाई नहीं पड़ती हो। लेकिन उनकी सरकार के द्वारा उठाये गये कदम राज्य के भविष्य के लिये सुखद संदेश लेकर आयेंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार में मुखिया की कुर्सी संभाली तो राज्य के आर्थिक हालात बुरी तरह चरमराये हुये थे। उत्तराखंड केंद्र के कर्ज के बोझ तले दबा था। पूर्व की सरकारों की हवाई घोषणाओं की झड़ी लगी थी। राजनैतिक नफा-नुकसान को देखकर की गई इन घोषणाओं को पूरा करना सरकार के बस की बात नहीं थी। इसी को ध्यान में रखते हुये प्रदेश के सीएम ने जनहित की योजनाओं को जारी रखा तथा पूरा कराने का संकल्प किसा। बाकी की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसी के साथ उन्होंने राज्य सरकार के खर्च में कटौती और जीरो टालरेंस की मुहिम शुरू कर दी। भ्रष्टाचार मुक्त शासन का संकल्प लेकर सीएम राज्य के विकास की दिशा में आगे बढे़। लेकिन यहां भी हालात ठीक नजर नहीं आये। उन्होंने जरूरी कार्यों को और प्राथमिकता के आधार पर कराना शुरू किया। सीएम ने ढोल नहीं पीटा। मीडिया के लाव लश्कर को साथ लेकर नहीं चले। हवा में कोई तीर नहीं चलाया। जनता को झूठे सब्जबाग भी नहीं दिखाये। सीएम की इस कार्यशैली को उनकी धीमी रफ्तार कहा जा सकता है या दूरदर्शी सोच ये ही अंतर है। भले ही सीएम अपनों के साथ-साथ विपक्षियों के निशाने पर हो। लेकिन 11 माह के कार्यकाल में जो भी निर्णय लिये गये हैं वो राज्य हित में हैं। हालांकि 17 सालों में राज्य में हुये आर्थिक गड्ढ़े 11 माह में तो भरे नहीं जा सकते हैं। लेकिन उन्होंने भराव करने की दिशा में कदम बढ़ाया ये राज्य और यहां की जनता के लिये शुभ संकेत है। त्रिवेंद्र सरकार के उठाये गये कदम आगामी सालों में राज्य के लिये खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करेंगे।



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