नवीन चौहान.
प्रदेश में सरकार भले ही सुचारू बिजली आपूर्ति का दावा करे लेकिन इन दिनों बिजली की अघोषित कटौती से प्रदेश का उद्योग बुरी तरह प्रभावित है। इंडस्ट्रीज एरिया को सप्लाई होने वाली बिजली में 6 से 8 घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है। इस स्थिति से उद्योग धंधे बुरी तहर प्रभावित हो रहे हैं, उत्पादन गिर रहा है और लागत बढ़ रही है।
सिडकुल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि रोजाना 6 से 8 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। इस कटौती का कोई समय भी निश्चित नहीं है। दिन में ही नहीं रात में भी बिजली की कटौती की जा रही है। अघोषित बिजली कटौती से उद्योगों में करीब एक तिहाई का नुकसान हो रहा है। बिजली कटौती होने पर लेबर खाली बैठ रही है।
उद्योग संचालकों का कहना है कि यदि पहले से तय हो जाए कि कब बिजली कटौती होनी है तो हम अपनी व्यवस्था कर लें, अधिकारियों से इस संबंध में बात करते हैं तो वह कहते हैं कि हमें भी आधा घंटा पहले ही पता चलता है कि बिजली की शार्टेज है। ऊपर से मैसेज आने पर ही बिजली कटौती की जाती है। अधिकारी इस संबंध में कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं देते।
सिडकुल पदाधिकारियों का कहना है कि अधिकारियों में इच्छा शक्ति की कमी दिखायी देती है। यदि उनके पास बिजली की कमी है तो उसका एक शेडयूल बनाकर बिजली आपूर्ति करनी चाहिए। देहात को भरपूर बिजली देने के लिए वह उद्योगों की बिजली कटौती कर रहे हैं। इससे न केवल उद्योगों को नुकसान हो रहा है बल्कि बिजली विभाग का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है।
उद्योगपति अरूण सारस्वत का कहना है कि इस संबंध में वह जल्द ही सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्या उनके सामने रखेंगे। उन्होंने सीएम से मिलने का समय मांगा है। यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उद्योगों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ेगा।