हरिद्वार में तैनात ईमानदार अधिकारियों का मलाईदार जिले से मोहभंग




नवीन चौहान
हरिद्वार में तैनात ईमानदार अधिकारियों का जिले से मोहभंग होता नजर आ रहा है। मलाई से कोसो दूर जनहित के कार्य को कर्तव्यनिष्ठा से करने वाले ईमानदार अफसर बेहद आहत नजर आ रहे है। आहत होने के पीछे माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों को उनकी ईमानदारी रास नहीं आना है। जिसके चलते वह हरिद्वार से विदाई लेने का मन बना रहे है।
उत्तराखंड का सबसे मलाईदार जनपद हरिद्वार माना गया है। यहां पर औद्योगिक क्षेत्र, खनन और संपत्तियों में खूब मलाई जमती है। इस मलाई का आनंद डीएम कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों से लेकर तमाम अधिकारी लोग लेते रहे है। लेकिन वर्तमान में हरिद्वार जनपद में कार्यरत कुछ ईमानदार अधिकारियों ने हरिद्वार से जाने का मन बना लिया है। इन
ईमानदार अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर बेहतर कार्य किया। दिन रात जनता की सेवा की। अपने परिवार और अपनी बीमारियों को भी दरकिनार कर जनता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। अधिकारियों ने अपना पूरा फोेकस हरिद्वार की जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान ही उत्तराखंड के कोष में राजस्व का इजाफा करने में भी महती भूमिका अदा की। ऐसे ही तमाम ईमानदार अधिकारियों का जनपद से मोहभंग हो चुका है। बताते चले कि अपने जनहित के कार्य में व्यस्त रहने वाले ईमानदार अधिकारियों पर भ्रष्ट अधिकारियों की सियासत भारी पड़ती दिख रही है। कर्तव्यनिष्ठ अफसरों का मनोबल तोड़ने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे है। फिलहाल इन हथकंडो का कितना प्रभाव पड़ेगा ये तो पता नही। लेकिन जनहित के कार्य में सबसे अधिक व्यस्त रहने वाले ईमानदार जिलाधिकारी सी रविशंकर की नजरों से कुछ छिपा भी नही है। डीएम सी रविशंकर मेहनती और ईमानदार अफसरों से भली भांति परिचित है। इसलिए ईमानदार अधिकारियों को भी इसी सिस्टम के बीच रहकर हरिद्वार में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना ही बेहतर होगा।



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