उत्तराखंड और महाराष्ट्र पुलिस ने किया कॉल सेंटर की आड़ में चल रही ठगी का खुलासा




नवीन चौहान.
कॉल सेंटर की आड़ में लोन की वापसी के लिए देश भर के लोगों से जबरन करने के मामले का उत्तराखंड और महाराष्ट्र पुलिस ने खुलासा किया है। यह गोरखधंधा एक कॉल सेंटर की आड़ में चल रहा था। पुलिस ने मौके से करीब 1500 मोबाइल सिम और 2 सिम बॉक्स जब्त किये हैं।

साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड को भारत के विभिन्न हिस्सों में लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले बड़े संगठित गिरोह को ध्वस्त करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा राज्य के साईबर अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत एसटीएफ एवं साइबर पुलिस स्टेशन को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है।

साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा विभिन्न प्रकार के साईबर अपराधों में पैनी नज़र रखी जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टॉस्क फोर्स आयुष अग्रवाल अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही राष्ट्रीय स्तर के उन गिरोहों की पहचान करने पर जोर दिया है, जो संगठित साइबर अपराध में शामिल हैं, जहां फर्जी ऑनलाइन लोन ऐप प्राथमिकताओं में से एक है। इसी क्रम में लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मन्दिर देहरादून निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाईन लोन एप के माध्यम से साईबर ठगी हुई, जिसका संज्ञान साईबर क्राईम पुलिस द्वारा लिया गया जिसमें प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई।

इन शिकायतों की जाँच साईबर थाने की उ0नि0 रोशनी रावत द्वारा की गयी तथा जाँच के उपरान्त उ0नि0 द्वारा ही समस्त ऐसी शिकायतों को सम्मिलित कर साईबर थाने पर दिनांक 29-12-2022 को FIR no-29/2022 धारा 109,120बी,384, 385, 419, 420, 469, 500, 501, 504 भादवि व धारा 43ए, 66, 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट में अभियोग स्वंय पंजीकृत कराया। उक्त अभियोग की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें टीम द्वारा अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में लायी जा चुकी है साथ ही फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में बन्द करवाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया |

अभियोग में 01 अभियुक्त अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा निवासी एन-2/79 मोहन गार्डन उत्तम नगर नई दिल्ली हाल डी- 205 मोहन गार्डन नई दिल्ली को उसके गुडगाँव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा बताया गया था कि उसके द्वारा कुछ चीनी मूल के नागरिकों को 2019-20 में औरंगाबाद ले गया था। इसी क्रम में विवेचना में यह बात सामने आई की वोडाफोन कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगों को लोन apps के सन्दर्भ में पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा है। गहनता से नंबरों को चेक करने पर साफ हुआ की एक साथ 32 सिम दिनांक 04/10/22 को एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज द्वारा पोर्ट करके लिए एवं एक्टिवेट किये गए थे।

मौके पर साइबर थाना देहरादून की टीम औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र पुलिस) के साथ संयुक्त अभियान चलाया और इस कॉल सेंटर पैठण गेट औरंगाबाद में रेड डाली। मौके पर एक कॉल सेंटर संचालित था जहाँ लगभग 150 लोग पब्लिक से फ़ोन पे जबरन वसूली कर रहे थे। इन कर्मचारियों द्वारा बताया गया की कंपनी का मालिक सय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था। इनको भारत पे और वोडाफोन के लाइसेंस प्राप्त हैं परन्तु इसकी आड़ में भारत के विभिन्न लोगों को कॉल करके पैसे वसूलने का काम भी दिया गया था। मौके से सैय्यद जोहेब पहले से फरार था और उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया जायेगा।

टीम द्वारा 10 टीम लीडर्स एवं कॉलर्स के विरुद्ध 41क सीआरपीसी का लीगल नोटिस तमील करवाया गया। मौके से 1500 सिम कार्ड्स जब्त एवं 02 सिम बॉक्स मशीन को जब्त किया गया। औरंगाबाद पुलिस द्वारा कॉल सेंटर के सभी 150 कर्मचारियों की डिटेल्स को एकत्रित करके नोटिस दी गयी। इस पूरी करवाई से देश भर में फ़र्ज़ी ऑनलाइन लोन app के माध्यम से जबरन वसूली करने वाले गिरोह के हौसले पस्त हो जायेंगे। पूर्व में इस प्रकार के लोन एप प्ले स्टोर पर मौजूद रहते थे किन्तु गूगल द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के उपरान्त साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को अपनी बातों में फसाकर वाट्सअप/एसएमएस एवं अन्य माध्यमो से लोन एप का लिंक भेजकर डाउनलोड कराया जा रहा है।

पुलिस टीम-
1-पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा
2-निरीक्षक विकास भारद्वाज
3-उ0नि0 राजीव सेमवाल
4-उ0नि0 कुलदीप टम्टा
5-अ0उ0नि0 सुरेश कुमार
6-औरंगाबाद पुलिस



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