नवीन चौहान
उत्तराखंड के योग्य छात्रों के सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने अनूठी पहल की है। उन्होंने परीक्षा प्रणाली को चुस्त दुरस्त बनाने की कवायद शुरू की है। वही दूसरी ओर नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए बेहतर प्लानिंग की है। उन्होंने संदिग्ध परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र की सील खुलने और कॉपियां वितरित करने के दौरान विश्वविद्यालय की एक गोपनीय टीम की तैनाती करते हुए पूरी जांच पड़ताल करने के लिए पहले से ही खड़ी कर दी है। ताकि परीक्षा केंद्र संचालक प्रश्न पत्र को लीक ना कर दे। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की इस पहल का कॉलेजों के तमाम छात्रों ने स्वागत किया है। योग्य छात्रों की आस्था कुलपति में बढ़ी है। जिसके चलते उनको कई गुमनाम गोपनीय पत्र मिले है। इन पत्रों में नकल कराने वाले कॉलेजों के काले कारनामे की पोल छिपी है।
बताते चले कि विगत कई सालों से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में रहती थी। परीक्षा केंद्रों पर नकल होना और अनुचित सामग्री का पाया जाना आम बात सी थी। विश्वविद्यालय की निजी कॉलेजों पर कमजोर पकड़ के चलते कॉलेज संचालक मनमर्जी करने लगे थे। निजी कॉलेज संचालक अपने मन मुताबिक कार्य कराने लगे थे। लेकिन जब से विश्वविद्यालय की कमान कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने संभाली तो उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टालरेंस की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कार्य योजना बनाई। विश्वविद्यालय में पूरी पारदर्शिता से कार्य करने के लिए अपने इरादे जाहिर किए। विश्वविद्यालय के समस्त कार्यो को आन लाइन प्रक्रिया से कराने की पहल शुरू की। उन्होंने परीक्षा प्रणाली को दुरस्त बनाने, मान्यता प्रणाली आन लाइन करने की कवायद शुरू की। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की ईमानदार कार्यशैली को देखते हुए कॉलेजों के तमाम छात्रों का विश्वास उनके प्रति बढ़ा। जिसका नतीजा ये हुआ कि कुलपति के नाम पर कई गुमनाम पत्र मिले। इन तमाम पत्रों में नकल कराने वाले कॉलेजों के नामों का खुलासा हुआ। जिसके बाद कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने इन सभी कॉलेजों पर शिकंजा कसने और उनके मंसूबों को फेल करने के लिए एक ठोस प्लानिंग की है। वही सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति को भी छापेमारी के लिए आमंत्रित किया। ताकि नकल करने वाले विद्यार्थियों को आगे बढ़ने से रोका जाए और योग्य छात्रों के सुनहरे भविष्य को उनकी योग्यता के अनुसार नंबर मिल सके। योग्य परीर्थियों का रिजल्ट उनकी योग्यतानुसार हो। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की इस उल्लेखनीय कार्य को तमाम कॉलेजों और छात्रों ने सराहा है।