उत्तरांचल कर्मचारी शिक्षक संगठन ने गोल्डन कार्ड की समस्याओं को उठाते हुए निस्तारण की लगाई गुहार




जोगेंद्र मावी
उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी- शिक्षक संगठन हरिद्वार के पदाधिकारियों ने शासन के साथ 13 फरवरी को होने जा रही बैठक में गोल्डन कार्ड में इलाज के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों के द्वारा आ रही परेशानियों का निस्तारण कराने के साथ तमाम समस्याओं के निस्तारण की मांग उठाई है। महामंत्री ललित मोहन जोशी ने इस संदर्भ में प्रांतीय अध्यक्ष एवं महामंत्री को पत्र लिखा है। शासन से प्रस्तावित वार्ता में गोल्डन कार्ड से जुड़ी समस्याओं के समाधान के संबंध में अवगत कराया है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा है कि आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास भी है कि प्रस्तावित वार्ता में कर्मचारी एवं शिक्षकों की समस्याओं का समाधान ससमय निकलेगा।
यह हैं कर्मचारियों की मांगे ———

  • योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में सभी बीमारियों का उपचार/ सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
  • कैशलैस उपचार व्यवस्था होने के बावजूद कतिपय अस्पतालों द्वारा नकद राशि मांगी जा रही है, जो कि घोर आपत्तिजनक है। संबंधित अस्पतालों का ब्यौरा तलब कर उन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
  • आईपीडी के साथ ही ओपीडी एवं दवाओं पर खर्च की व्यवस्था भी कैशलेस श्रेणी में सम्मिलित की जाए।
    — जनपद हरिद्वार के सिटी हॉस्पिटल एवं रामकृष्ण अस्पताल आदि के साथ ही राज्य राजधानी क्षेत्र के मैक्स, कैलाश एवं फोर्टिस जैसे अस्पतालों को योजना में सूचीबद्ध किया जाए।
  • राज्य के बाहर सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाए एवं उनमें बिना रेफरल के उपचार की व्यवस्था लागू हो।
  • गोल्डन कार्ड योजना में कर्मचारी/ पेंशनर के आश्रित की आय सीमा को 9000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 30000 रूपये प्रतिमाह किया जाए।
  • आश्रित की श्रेणी में पाल्य की उम्र 25 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष की जाए।
  • विधवा शिक्षिका/कर्मचारियों के सास- ससुर को भी इस योजना में सम्मिलित किया जाए।
  • पेंशनभोगी कर्मचारियों से सेवारत कार्मिकों की तुलना में 50 फीसदी मासिक अंशदान कम लिया जाए।
  • योजना की वेबसाइट हो जिस पर योजना से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हों।
  • योजना से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण हेतु सेल का गठन किया जाए।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *