कांवड मेले की डयूटी का अनुभव लेने के लिए हरिद्वार आए दूसरे प्रदेशों के युवा अधिकारी: डीजीपी




नवीन चौहान.
कावंड़ मेले की तैयारी को लेकर जहां स्थानीय पुलिस प्रशासन लगातार जुटा हुआ है, वहीं मुख्यालय स्तर पर भी कांवड़ मेले की सुरक्षा को लेकर लगातार खाका खींचा जा रहा है। इसी क्रम में दूसरे प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उनके साथ बैठक कर रणनीति बनायी जा रही है। शुक्रवार को भी पुलिस मुख्यालय में हुई पुलिस अधिकारियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।

बैठक में निम्न बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श किया गयाः-

  1. DGsP/IGsP सम्मेलन में निर्देशों के क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने सभी प्रदेशों के अधिकारियों ने अपने-अपने प्रदेश से युवा अधिकारियों को कांवड़ यात्रा ड्यूटी का अनुभव लेने हेतु उत्तराखण्ड भेजने का अनुरोध किया।
  2. पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा समन्वय बैठक में सम्मिलित सभी अधिकारियों से कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न करने हेतु सक्रिय सहयोग व निरंतर सूचनाओं के अदान-प्रदान की अपेक्षा की गयी तथा वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में और अधिक व्यवसायिक दक्षता और सहयोग से कार्य करने की आवश्यकता व्यक्त की।
  3. कांवड़ियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी ताकि कोई अनहोनी न हो।
  4. आगामी सावन माह की अवधि के दृष्टिगत कांवड़ यात्रा के समापन उपरान्त भी प्रत्येक सोमवार, सोमवती अमावस्या, एवं मोहर्रम को देखते हुए वर्तमान प्रबन्धों को बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
  5. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा ध्वनि विस्तारकों से ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रित करने हेतु आम जन को जागरूक करते हुए डीजे के प्रयोग को नियंत्रित करने में सहयोग करने की अपील की गयी, जिससे कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे युक्त कांवड़ के प्रचलन को नियंत्रित किया जा सके।
  6. विगत में कांवड़ की ऊँचाई अधिक होने के कारण घटित दुर्घटनाओं को रोकने हेतु प्रतिभागी अधिकारियों से अपने-अपने प्रदेश क्षेत्रों में कांवड़ की ऊँचाई 12 फीट से कम रखे जाने सम्बन्धी परामर्श का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये गये। क्योंकि रेलवे लाइनों का विधुतिकरण हो गया है और ऊँची कांवड़ से दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को निर्देशित किया गया कि कांवड़ बनाने वाले व्यक्तियों को भी इस बिन्दु से अवगत कराते हुए अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
  7. सुरक्षा संवेदनशीलता के दृष्टिगत कांवड़ यात्रा क्षेत्र एवं शिविरों में कार्यरत व्यक्तियों का गहन सत्यापन कराया जाना आवश्यक है।
  8. कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उनके लिए पृथक मार्गों का निर्धारण करते हुए दिल्ली से ही चारधाम यात्रा मार्ग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
  9. कांवड़ यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक व असत्य प्रचार-प्रसार की कानून व्यवस्था विषयक संवेदनशीलता को देखते हुए सभी राज्यों से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को और अधिक फोक्सड किये जाने का आह्वाहन करते हुए इस प्रकार के भ्रामक प्रचार एवं अफवाहों की तत्काल शेयरिंग करने का अनुरोध किया गया, जिससे कि सत्यता का परीक्षण कर तदानुसार काउन्टर एवं खण्डन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके।
  10. हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने हेतु कांवड़ियों हेतु हाईवे के बाएं ओर को उपयोग करने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस दौरान लगने वाले शिविर एवं भण्डारे हाईवे के बाएं ओर ही मुख्य मार्ग से 20 से 30 फीट दूर लगाने हेतु अनुमित प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
  11. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवडियों को अपना साथ पहचान पत्र रखने का भी निर्णय लिया गया, जिससे किसी भी घटना-दुर्घटना में पहचान करने में सहायता हो।
  12. रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के सम्बन्ध में कांवड़ियों को जागरुक किया जाये।
  13. अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्ट- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चैकिंग।
  14. हरिद्वार पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा से सम्बन्धित सभी सूचनाओं के लिए QR Code बनाया गया है। इसका सभी प्रदेशों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
  15. अति आवश्यक सेवाओं के वाहनों एवं भारी वाहनों के संचालन हेतु अलग से यातायात प्लान बनाया जाने का निर्णय लिया गया।
  16. सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैम्प और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।


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