भोपाल. जेल से भागे सिमी के 8 आतंकियों को पुलिस ने एक पहाड़ पर घेर कर एनकाउंटर कर दिया। ये आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल से रविवार-सोमवार रात 2-3 बजे भागे थे। मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल से 10 किमी दूर खेजड़ी गांव में आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया। इनमें तीन आतंकी ऐसे थे जो कि तीन साल पहले खंडवा जेल से भागे थे।
आतंकी जैसे ही जेल से भागे थे पूरे राज्य में अलर्ट हो गया था। पूरे शहर की घेराबंदी थी। इसी बीच पुलिस को खबर मिली कि आतंकी भोपाल से 10 किमी दूर खेजड़ी गांव में छिपे हुए हैं। गांव वालों की ओर से ये इनपुट मिला था।भोपाल आईजी योगेश चौधरी ने बताया, ‘ये एक गंभीर मामला था। जेल से भागने के बाद हम खासी सर्चिंग कर रहे थे। ऑपरेशन में एसटीएफ, सीटीसी और जिला पुलिस शामिल थी।’ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एनकाउंटर में मदद करने वाले स्थानीय लोगों और पुलिस फोर्स की तारीफ की है। सीएम ने कहा, “हम पुलिस फोर्स को इस कामयाबी के लिए बधाई देते हैं, लेकिन इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। आतंकियों का जेल से फरार होना गंभीर मामला है। साथ ही उन्होंने कहा, “फरार आतंकियों के एनकाउंटर में स्थानीय लोगों ने बड़ा रोल निभाया। उन्हीं के जरिए हमें आतंकियों की लोकेशन का पता चला।”
गार्ड की हत्या कर सिमी के 8 आतंकी भोपाल जेल से भागे थेजेल के गार्ड की हत्या कर सिमी के आठ आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हो गए हैं। भागने वाले सभी 8 आतंकी शेख मुजीब, खालिद, मजीद, अकील खिलजी, जाकिर, महबूब, अमजद और सलिख हैं। डीआईजी (भोपाल) रमन सिंह ने कहा- ”रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2-3 बजे के बीच आतंकी भागे।” आतंकियों ने ड्यूटी बदलते वक्त दो गार्ड पर हमला किया। पहले हेड गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या कर दी। उनका गला रेत दिया। हमले के लिए स्टील की प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल किया।” ”इसके बाद जेल में ओढ़ने के लिए मिली चादरों की रस्सी बनाई। उसी के सहारे दीवार फांदी। दूसरा गार्ड घायल है।” बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ आतंकी वे भी हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भागे थे। उन्हें पकड़ कर यहां लाया गया था।
सुरक्षा एजेंसियों को सबसे अधिक खतरा यूपी से गायब सिमी के 80 आतंकियों से है। केन्द्र से मिले अलर्ट के बाद खुफिया एजेंसियो की नजर सिमी के इन्हीं लापता आतंकियों पर है, जो संगठन के बैन होने के बाद से ना तो पकड़े गए और ना ही किसी वारदात में उनका नाम सामने आया। इस अलर्ट के बाद यूपी में बैठे इन आतंकियों के मददगारों पर पुलिस ने निगाह गढ़ा दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने साफ तौर पर कहा है कि सिमी के जो आतंकी बीते कई सालों से अंडरग्राउंड हैं, जिनके बारे में यूपी पुलिस और उसकी इंटेलीजेंस को कोई सुराग तक नहीं है वो अब नया खतरा बन गए हैं। लिहाजा उनकी तलाश तेज की जाए। उनके मददगारों पर नजर रखी जाए।
उल्लेखनीय है कि साल 2002 में प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने नाम बदलकर इंडियन मुजाहिदीन रख लिया है। इस संगठन पर साल 2005 तक देश में लगातार विस्फोट कराने के आरोप हैं। उसके बाद से अब उसके तमाम लोग स्लीपिंग माड्यूल की तरह काम कर रहे हैं। इसकी बानगी दो वर्ष पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी।
मध्य प्रदेश सरकार ने मानी गलती, 5 अफसर सस्पेंड
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, ”जेल प्रबंधन की गलती के वजह से ऐसा हुआ। पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है।” एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ”घटना की सूचना हमें 4.30 बजे मिली। केंद्र और आसपास के राज्यों को अलर्ट किया गया है।” ”कहीं किसी की मिलीभगत है या लापरवाही है, इसकी जांच हो रही है। फिलहाल, फोकस आतंकियों को पकड़ने पर है।” ”सीएम और एडमिनिस्ट्रेशन मामले पर नजर रखे हुए हैं।” इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है।