नवीन चौहान.
प्रदेश के डीजीपी ने जिस इंस्पेक्टर को उसके सराहनीय कार्यों के चलते बीती 15 अगस्त को वीरता का पदक दिया था उसी इंस्पेक्टर के खिलाफ ठीक 15 दिन बाद भ्रष्टाचार का केस दर्ज हो गया। भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद आरोपी इंस्पेक्टर फिलहाल फरार है। एसएसपी के निर्देश पर पूरे मामले की गंभीरता से जांच करायी जा रही है।
यह पूरा मामला मेरठ जिले के थाना सदर बाजार का है। यहां तैनात प्रभारी इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राना को डीजीपी मुकुल गोयल ने बीती 15 अगस्त को वीरता पदक देकर सम्मानित किया था। लेकिन ये इंस्पेक्टर अब भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए हैं। इसी थाने के एक हैड कांस्टेबल को एसपी सिटी की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पूछताछ में हैड कांस्टेबल ने बताया कि पूरे मामले की इस डील में इंस्पेक्टर भी शामिल है।
दरअसल यह मामला फर्जी रिपोर्ट दर्ज करने और फिर उसमें एफआर लगाने का है। फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर जब एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने गोपनीय जांच करायी तो पूरा मामला खुल कर सामने आ गया। बताया गया कि एक ट्रक मालिक ने अपना ट्रक लूट लिए जाने की फर्जी रिपोर्ट दर्ज करायी ताकि वह इंश्योरेंश का पैसा ले सके। इस मामले में एक कबाड़ी को भी शामिल किया गया। जानकारी के मुताबिक इस मामले की जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।