दीपक चौहान
न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम लगातार बेहतर चिकित्सा प्रबंधन से यश कीर्तिमान स्थापित कर रही है। डॉक्टरों की टीम ने एक मरीज की दुर्लभ पित्त की थैलियों (गाल ब्लेडर) में पथरी का जटिल ऑपरेशन कर उपलब्धि हासिल की है। करीब दो घंटे की लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद मरीज की हालत अब ठीक है। मरीज को सर्जिकल आईसीयू से निकालकर जनरल बार्ड में भर्ती किया गया है। पित्त की थैली की लेप्रोस्कोपी सर्जरी के सफल आप्रेशन के बाद मरीज ने चिकित्सों और हॉस्पिटल की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया है।
हरिद्वार के शिवलोक कॉलोनी निवासी रामरती उम्र करीब 55 साल को पेट दर्द की जबरदस्त शिकायत हुई। दर्द में पीड़ित रामरती के पति देवेंद्र सिंह ने एम्स ऋषिकेश संपर्क किया। लेकिन रामरती ने न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सों पर विश्वास जाहिर करते हुए भर्ती करने को कहा। जिसके बाद परिजनों ने रामरती को देवभूमि हॉस्पिटल के चैयरमेन डॉ सुशील शर्मा से बात करने के बाद मरीज को भर्ती कर दिया गया। चिकित्सों ने एक 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला रामरती के शरीर में पित्ताशय की थैली को पूरी तरह से कई कैलकुली (लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी) से भरा हुआ पाया। चिकित्सकों की टीम ने आप्रेशन की तैयारियां शुरू कर दी। करीब दो घंटे के आप्रेशन के बाद मरीज के पित्त की थैली से स्टोन का गुच्छा बाहर किया। स्टोन देखने के बाद परिजनों की आंखे खुली की खुली रह गई और मरीज के ठीक होने पर खुशी जाहिर की। रामरती ने बताया कि चिकित्सों ने उनका पूरा ध्यान रखा। अब वह अपने को स्वस्थ महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार दर्द उठा और हजारों स्टोन का गुच्छा शरीर के अंदर जमा था। डॉ सुशील शर्मा ने बताया कि मरीज की जिंदगी बहुत खतरे में थी।
चिकित्सकों ने इस जटिल आप्रेशन करके मरीज को स्वस्थ बनाया है। उम्मीद करते है कि मरीज अब बिलकुल स्वथ्य हालत में है। उन्होंने कहा कि मरीज की सेवा करना ही चिकित्सक का धर्म है। पूरी टीम ने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। मरीज को समुचित चिकित्सा सुविधा देना और उनका विश्वास जीतना ही ध्येय है। हॉस्पिटल लगातार अपनी चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार कर रहा है। अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए है। जिससे मरीजों को भटकना ना पड़े और बेहतर इलाज दिया जा सके।