अखाड़ा परिषद का महामंत्री छोड़ दूंगा लेकिन किन्नर अखाड़ा के साथ नहीं छोडूंगा: हरि गिरी महाराज




नवीन चौहान
अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महाराज ने दी अखाड़ा परिषद के महामंत्री पद को छोड़ने की धमकी। महामंत्री हरिगिरी महाराज का कहना है कि किन्नर अखाड़ा को प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में घोषणा की गई थी। जिसके बाद प्रस्ताव लाकर जूना अखाड़ा में किन्नर अखाड़ा को शामिल किया गया था।
हरिगिरी महाराज का कहना है कि इसके लिए बकायतदा कोर्ट में एग्रीमेंट हुआ था। जिस पर अखाड़ा परिषद की भी मुहर लगी थी। उन्होंने कहा कि यदि अखाड़ा परिषद के महामंत्री का पद छोड़ना पड़ा तो छोड़ दूंगा लेकिन किन्नर अखाड़े का साथ नहीं छोडूंगा।
ऐसे में किन्नर और परी अखाड़ा को कुंभ में जगह न देने के अखाड़ा परिषद के बयान को लेकर मामला और सुर्खियों में आ गया है। बताया जा रहा है कि उज्जैन में हुए कुंभ में भी किन्नर अखाड़ा को जगह दी गई थी। 2019 के प्रयाग कुंभ में भी जगह दी गई थी। किन्नर अखाड़ा ने जूना अखाड़ा के साथ स्नान किया था। जो उस समय विश्व में सुर्खिया बनी थी।

आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी महाराज किन्नर अखाड़ा का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को जवाब
अखाडा परिषद को किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी महाराज ने जवाब दिया है। कहा कि हम किन्नरों को ब्रहमा जी ने कमल से उत्पत्ति के बाद शिव को प्रदान किया। इसीलिए हम शिवलोक से आते हैं, हमारा नाता सीधे शिव महादेव से हैं उनके हर रूप से हैं। खासकर अर्धनारीश्वर रूप से। हम किन्नर अपने आपको अर्धनारीश्वर रूप से जोड़कर देखते हैं।
महामंडलेश्वर ने कहा कि अखाडा परिषद को अपनी सोच बदलना चाहिए। हमें अपनी सोच सागर जैसी विचार धारा की रखनी चाहिए न की कुएं की मेढक की तरह। अखाडा परिषद जैसी संस्थाएं लोक कल्याण के लिए बनी है। सनातन धर्म में लिखा है और हमें सिखाया भी गया है, हमनें सीख भी लिया है कि सबसको अपनाने से ही धर्म और मनुष्य का विकास होता है। कहाकि विचार धारा बदलने की जरूरत है, बदलाव ही समाज की जरूरत रहा है। सत्य की हमेशा विजय होती है।
उन्होंने कहा कि जब भी कुंभ आता है हमारे शरीर पर इतना कटाक्ष क्यों किया जाता है। हम सनातनी किन्नर है और सनातनी किन्नर ही रहेंगे। उन्होंने कहा है कि अखाड़ा परिषद की ओर से जो बयान दिया गया है में उसका विरोध करती हूं।



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