हरिद्वार में भाजपा को 3 कांग्रेस को 6 और बसपा को 2 सीट मिलने की संभावना




नवीन चौहान.
उत्तराखंड में सोमवार शाम सात बजे मतदान समाप्त हो गया। मतदान समाप्त होने के बाद अब प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। कौन जीता कौन हारा इसका फैसला अब 10 मार्च को मतगणना के बाद होगा। हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 20 हजार 168 है।

मतदान के दौरान हरिद्वार जिले में मतदाताओं का जो रूख दिखा उसे देखकर लग रहा है कि इस बार जिले में भाजपा को केवल तीन सीट ही मिलेंगी। दो सीटों पर भाजपा का कांग्रेस से कांटे का मुकाबला है। इन दो सीटों पर हार जीत का अंतर बेहद कम रहने की संभावना जतायी जा रही है।
हरिद्वार शहर सीट की बात करें तो इस सीट पर एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक अपनी जीत का रथ आगे बढ़ाने में कामयाब दिख रहे हैं। मतदान का रूझान बता रहा है कि इस बार भी वह जीत हासिल कर लेंगे। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्यों कि भाजपा के गढ़ वाले बूथों पर जमकर मतदान हुआ।
रानीपुर विधानसभा सीट पर एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी आदेश चौहान जीत की हैट्रिक लगाते दिख रहे हैं। हालांकि यहां भी मुकाबला कांटे का है। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर इस बार भाजपा को झटका लग सकता है। इस सीट पर कांग्रेस की अनुपमा रावत मतदान के बाद बढ़त लेती दिख रही है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी भी दावा कर रहे हैं कि जीत उनकी ही होगी। मतदाताओं ने भाजपा को खूब वोट दिया है। लक्सर सीट मतदान के बाद बीएसपी के खाते में जाती दिख रही है। लक्सर के अलावा खानपुर सीट पर भी बीएसपी अपनी जीत हासिल करती दिख रही है। इन इन दोनों सीटों पर भाजपा को नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी का दावा है कि जीत के लिए पर्याप्त वोट उन्हें ही मिलने वाले हैं।
रूड़की विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदीप बत्रा का मुकाबला कांग्रेस के यशपाल से है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला है। चर्चा ये भी है कि इस सीट पर हुए मतदान में अंतिम समय में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अधिक वोट गिरे। हालांकि भाजपा का दावा है कि रूड़की सीट पर भी भाजपा ही जीतेगी। भगवानपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश बढ़त लेती दिख रही है। मंगलौर में भी भाजपा तीसरे नंबर पर दिखायी दे रही है। इसी तरह कलियर में भी कांग्रेस ही आती दिख रही है। इस बार ज्वालापुर सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक सुरेश राठौर को कांग्रेस प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट का रूझान भी कांग्रेस की ओर जाता दिख रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो उनका कहना है कि इस बार स्थानीय मुद्दे काफी हावी रहे हैं। जनता ने अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि वह खुलकर किस पार्टी के प्रत्याशी के साथ थे। यही वजह है कि साइलेंट वोटर किसी भी प्रत्याशी का पलड़ा भारी कर सकता है। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले प्रत्याशी भाजपा के पक्ष में जा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा जिले में तीन से अधिक सीट निकाल लेगी। झबरेडा सीट भी इस बार कांग्रेस बढ़त लेती दिख रही है।



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