उत्तराखंड चुनाव: कांग्रेस को कुमाऊं से 20 और गढ़वाल से 17 सीट मिलने की संभावना





नवीन चौहान
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है। उत्तराखंड की जनता ने दिल खोलकर मतदान किया। महगांई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुददे हावी रहे। सस्ते गैस के सिलेंडर ने चुनाव को काफी हद तक प्रभावित किया। भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में माहौल दिखा।
न्यूज127 के सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में कांग्रेस पूर्व बहुमत के करीब है। वही बसपा को दो सीट मिलने की संभावना है। करीब पांच निर्दलीय विधायकों के विधानसभा पहुंचने की संभावना है। हालांकि प्रत्याशियों का भाग्य तो 10 मार्च 2022 को ईवीएम मशीन के खुलने के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन सर्वे के मुताबिक प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर यकीन नही किया। जनता ने हरीश रावत को लोकप्रिय नेता माना और मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद चाहा।
हरिद्वार विधानसभा की बात करें हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 20 हजार 168 है।
हरिद्वार नगर सीट पर भाजपा के मदन कौशिक और कांग्रेस के सतपाल के बीच कांटे का मुकाबला है। लेकिन मदन कौशिक के जीतने की संभानाए प्रबल है। उनका मजबूत चुनाव प्रबंधन उपयोगी साबित हुआ। हरिद्वार की जनता ने मदन को काफी हद तक वोट किया। वही रानीपुर विधानसभा सीट पर आदेश चौहान का मुकाबला कांग्रेस के राजबीर चौहान से दिखाई दिया। लेकिन यहां पर आदेश चौहान मजबूत स्थिति में है। भाजपा का कैडर वोट और प्रत्याशी की साफ सुथरी छवि का सीधा लाभ आदेश चौहान के पक्ष में जाता दिखाई दिया। ग्रामीण सीट पर भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद को कांग्रेस की अनुपमा रावत से कड़ी चुनौती मिल रही है। अनुपमा ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी कर दी, जबकि पर्वतीय और दलित वोट भी उनके पक्ष में गया। ठाकुरों​ बिरादरी और महिलाओं ने अनुपमा का साथ दिया। जिसके चलते भाजपा इस सीट पर काफी कमजोर दिखाई दी। ऐसा ही कुछ लक्सर सीट पर है। यहां पर भाजपा के संजय गुप्ता को बसपा के शहजाद ने मुश्किले दी है। बसपा मजबूत स्थिति में है। लक्सर के अलावा खानपुर सीट पर भी बीएसपी अपनी जीत हासिल करती दिख रही है। इन इन दोनों सीटों पर भाजपा को नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी का दावा है कि जीत के लिए पर्याप्त वोट उन्हें ही मिलने वाले हैं। रूड़की विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदीप बत्रा का मुकाबला कांग्रेस के यशपाल राणा से है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला है। चर्चा ये भी है कि इस सीट पर हुए मतदान में अंतिम समय में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अधिक वोट गिरे। हालांकि भाजपा का दावा है कि रूड़की सीट पर भी भाजपा ही जीतेगी। भगवानपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश बढ़त लेती दिख रही है। मंगलौर में भी भाजपा तीसरे नंबर पर दिखायी दे रही है। इसी तरह कलियर में भी कांग्रेस ही आती दिख रही है। इस बार ज्वालापुर सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक सुरेश राठौर को कांग्रेस प्रत्याशी रवि बहादुर से कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट का रूझान भी कांग्रेस की ओर जाता दिख रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो उनका कहना है कि इस बार स्थानीय मुद्दे काफी हावी रहे हैं। जनता ने अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि वह खुलकर किस पार्टी के प्रत्याशी के साथ थे। यही वजह है कि साइलेंट वोटर किसी भी प्रत्याशी का पलड़ा भारी कर सकता है। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले प्रत्याशी भाजपा के पक्ष में जा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा जिले में तीन से अधिक सीट निकाल लेगी। झबरेडा सीट भी इस बार कांग्रेस बढ़त लेती दिख रही है।



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