DPS रानीपुर में वार्षिकोत्सव-2 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों ने बांधा समां




नवीन चौहान. सोमवार को बीएचईएल के मुख्य सभागार में दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपुर के वार्षिकोत्सव-2 का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के छात्र-समूह ने वाद्य यंत्रों की मधुर धुन के साथ स्वागत गीत से आगन्तुक अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने मुख्य अतिथि के रूप में पधारे योग ऋषि स्वामी रामदेव तथा हरिद्वार के सांसद एवं पूर्व शिक्षा मंत्री (भारत सरकार) डॉ. रमेश चन्द्र पोखरियाल का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रानीपुर बीएचईएल के विधायक आदेश चौहान, शिवालिक नगर के नगरपालिकाध्यक्ष राजीव शर्मा, गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ तथा अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ0 अनुपम जग्गा ने कहा कि आपकी उपस्थिति से विद्यालय परिवार सौभाग्य तथा खुशी का अनुभव कर रहा है। हम एनईपी 2020 के प्रमुख सिद्धांत पर ध्यान केन्द्रित कर कौशल विकास को महत्त्व दे रहे हैं। हमारे विद्यार्थी वर्ष भर शैक्षणिक, खेल तथा शिक्षणेतर अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लेते हो तथा अपने अंदर छिपी क्षमता को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त करते हो। हमारा मानना है कि राष्ट्र हम सबसे ऊपर है। अतः देश की अखंडता तथा अस्मिता की रक्षा करने के लिए नई पीढ़ी को तैयार करना हमारी जिम्मेदारी है।

आज के ‘अनवरत’ समारोह की प्रस्तुति हमें हमारी प्राचीनतम संस्कृति और हमारी नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन शैली का बोध कराएगी; जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनी बौद्धिक क्षमता, त्याग, बलिदान के द्वारा स्थापित किया है। डीपीएस के बच्चों के द्वारा प्रस्तुत आज का ‘अनवरत’ समारोह एक प्रकार से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार एवं अभिनंदन करने के लिए प्रस्तुत है क्योंकि जिस तरह उन्होंने जी-20 के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत और आत्मगौरव को उड़ान दी है। साथ ही उनके नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिकों ने चद्रयान मिशन को सफल कर इतिहास रच दिया है। आदित्य एल-1 सफलता की ओर निरंतर कदम बढ़ा रहा है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए आज हमारी सेना आधुनिक संसाधनों के साथ मजबूत है। हम इन गतिविधियों से प्रेरणा लेकर उत्साह से भर गए हैं।

इसके बाद नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सुरभारती की वंदना करते हुए भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया तो पूरा सभागार भक्तिमय वातावरण में डूब गया। इसी कड़ी में ‘स्कूल चलें हम’ नृत्य के द्वारा खेल-खेल में शिक्षा तथा कौशल विकास की प्रस्तुति ने श्रोताओं को आनंद से भर दिया। इसके पश्चात विविधता में एकता का भाव भरने वाला भारतमाता, मराठी, गुजराती, राजस्थानी, पंजाबी, कुमाउॅंनी-गढ़वाली, हिमाचली आदि गीतों पर आधारित मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति से पूरा सभागार तालियों की गड़गडाहट से गूॅंज उठा। इस गीत ने एक मंच पर भारत की पहचान प्रस्तुत कर दी।

इसके बाद मुख्य अतिथि रमेश चन्द्र पोखरियाल एवं अन्य अतिथियों ने विद्यालय के शैक्षिक-सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समूहगान के पश्चात ‘गाथा गीत’ द्वारा भारत की ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित महापुरुषों की दिव्य झाँकियों की प्रस्तुति दी गई; जिनसे संदेश दिया गया कि बदलते कालखंडों के साथ भी हमारी मर्यादाओं की पुनर्स्थापना होती रही है। जीवन के प्रवाह को सुख-दुख प्रभावित कर सकते हैं परंतु बाधित नहीं कर सकते हैं; जिसे देखकर सभी लोग अभिभूत हो गए। छात्रों ने भारत की मिली-जुली संस्कृति की झाँकी भी दिखाई। ‘गाथा गीत’ की प्रस्तुति द्वारा छात्रों ने याद दिलाया कि हमारी संस्कृति प्राचीन होने के साथ सर्वश्रेष्ठ भी है; जिसे हमने अपनी बौद्धिक क्षमता, त्याग और बलिदान से स्थापित किया है।

मुख्य अतिथि डॉ. रमेश चंद्र पोखरियाल ने अपने संबोधन में कहा कि कहा कि डीपीएस रानीपुर लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा रहा है। डीपीएस के बच्चों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से हमें आज एनईपी 20 के दर्शन करा दिए हो। आज देश की अखंडता, प्राचीन संस्कृति तथा नैतिक मूल्य पर आधारित कार्यक्रमों को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस भव्य समारोह से लग रहा है कि डीपीएस के बच्चे देश ही नहीं विश्व में चमकेंगे और माता-पिता को समझ लेना चाहिए कि उनके बच्चां का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

मुख्य अतिथि स्वामी रामदेव ने समारोह की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज डीपीएस के बच्चों ने अपने पुरुषार्थ से भारत, भारतीय संस्कृति तथा बदलते आर्थिक, सामाजिक तथा वैज्ञानिक परिवेश को एक कार्यक्रम में समेट दिया है। जीवन एक संतुलन है। हमें विवेक, ज्ञान तथा भक्ति से संतुलन बनाकर जीना सीखना है। जीवन में मति, भक्ति तथा कृति तीनों की आवश्यकता होती है। मन में अच्छी मति, हृदय में भक्ति तथा हाथों में कृति होनी चाहिए। पढ़ाई के बाद असली परीक्षा कार्य क्षेत्र में होती है। हमें इतिहास पढ़ना भी है और गढ़ना भी है। डीपीएस के बच्चे भारत की शान हो। ऐसे आन-बान-शान को बढ़ाने वाले बच्चों की प्रस्तुति देखकर मेरा मन अभिभूत हो गया है। निश्चय ही ऐसे आयोजन सबको प्रेरित करते हैं। प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने सभी के प्रति अपना आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की छात्र प्रमुख प्रणव वशिष्ठ ने सभी आगंतुक अतिथियों तथा दर्शकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि आपने अपना अमूल्य समय देकर हमारा उत्साहवर्धन किया; जिसके लिए डीपीएस परिवार आपका तहेदिल से धन्यवाद ज्ञापित करता है। कार्यक्रम में पविंदर सिंह बल, अनुपमा श्रीवास्तव, आरती बाटला, उमा पाण्डेय, शालिनी भटनागर, साँची चतुर्वेदी, दीपिका जोशी, कीर्ति सिंह तथा विद्यालय की समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।



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