ग्राहक बने सिटी मजिस्ट्रेट ने पकड़ी बड़ी जीएसटी चोरी, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान,

हरिद्वार। सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार जब ग्राहक बनकर पुस्तक विक्रेताओं की दुकानों पर पुस्तके खरीदने पहुंचे तो जीएसटी चोरी का बड़ा खुलासा हो गया। हरिद्वार के पुस्तक विक्रेता बिना बिल के ही लाखों का माल बेचकर जीएसटी की चोरी करके राज्य को राजस्व का चूना लगा रहे है। इसी के साथ बिना बिल के पुस्तक और कॉपियों के दुकानों पर पहुंचने की भी पुष्टि हो गई है। फिलहाल पूरे मामले की सिटी मजिस्ट्रेट ने जीएसटी विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है।
एनसीईआरटी की बुकों को सख्ती के साथ प्रदेश के निजी स्कूलों में लागू कराने के उत्तराखंड सरकार के निर्देश है। निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी दीपक रावत सोशल मीडिया पर अभिभावकों द्वारा मिलने वाली स्कूल संबंधी शिकायतों का संज्ञान ले रहे है। बुधवार को डीएम दीपक रावत ने सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार को ऐसे संस्थानों पर छापामार कार्रवाई के निर्देश दिये। सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ने देवपुरा चौक स्थित भार्गव बुक डिपो, ज्वालापुर रेलवे रोड स्थित डायमंड बुक स्टेशनर्स के यहां ग्राहक बन छापामारी की। सिटी मजिस्ट्रेट जब ग्राहक बन भार्गव बुक डिपो पहुंचे तो उन्होंने शिवडेल स्कूल की कक्षा एक की पुस्तकें विक्रेता से खरीदी। पुस्तक विक्रेता द्वारा कोर्स में लगायी गयी किताबों के साथ कॉपियां भी दी गयी, जिन पर कोई एमआरपी अंकित नहीं था। इन कॉपियों की कीमत 35-40 रूप्ये विक्रेता द्वारा वसूल की गयी। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा क्रय किये गये कोर्स का बिल दिये जाने से भी इंकार किया गया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट डायमंड बुक स्टेशनर्स के यहां पुस्तक खरीदने पहुंचे। विक्रेता ने पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकें व कॉपियां सिटी मजिस्ट्रेट को दी। उनके द्वारा उक्त पुस्तकों का बिल विक्र्रेता से मांगा गया, लेकिन विक्रेता ने बिल दिये जाने से स्पष्ट इंकार कर दिया। बार बार बिल मांगने पर कच्चा बिल सिटी मजिस्ट्रेट को दिया गया। कोरे कागज पर बिल देखकर सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ने जीएसटी विभाग की टीम को तत्काल बुला लिया। उन्होंने पुस्तक विक्रेताओं के खिलाफ जीएसटी चोरी करने के आरोप में कार्रवाई शुरू कर दी है।



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