नवीन चौहान,
हरिद्वार। डीएम दीपक रावत ने लेखाकार गुरूदत्त त्यागी को निर्दोष पाते हुये क्लीन चिट दे दी है। इसी के साथ गुरूदत्त त्यागी के वेतन आहरण पर लगी रोक को भी हटा लिया गया है। पूरा मामला एक महिला अधिवक्ता की मां की पेंशन के भुगतान को लेकर था।
जिला सूचना अधिकारी अर्चना ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि महिला अधिवक्ता रजनी ने रुड़की ट्रेजरी के लेखाकार गुरुदत्त त्यागी के विरुद्ध एक शिकायत जिलाधिकारी दीपक रावत को दी थी। इस शिकायत में लेखाकर पर एक हजार की रिश्वत मांगने और अभद्रता करने का आरोप लगाया था। शिकायत का संज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी दीपक रावत ने लेखाकार गुरुदत्त त्यागी के वेतन पर रोक लगाकर उससे स्पष्टीकरण मांगा था। लेखाकार गुरूदत्त त्यागी ने अपने ओर से प्रस्तुत किये गये स्पष्टीकरण में बताया कि पेंशनर कान्ता शर्मा द्वारा अपने जीवन कालीन अवशेष के भुगतान हेतु अपनी पुत्रवधू काजल शर्मा को नोमिनी बनाया गया है। किन्तु पेंशनर कान्ता शर्मा की बेटी अधिवक्ता रजनी द्वारा इस अवशेष का भुगतान पेंशनर की दूसरी बेटी रेखा को किये जाने का दबाव बनाया जा रहा है जबकि नोमिनी काजल शर्मा एक बार भी ट्रेजरी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुई है। शासनादेश के अनुसार रेखा को अवशेष धनराशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है। लेखाकार गुरूदत्त त्यागी के इस स्पष्टीकरण से डीएम दीपक रावत पूरी तरह से संतुष्ट जाहिर करते हुये लेखाकार के वेतन से रोक हटाने के आदेश जारी कर दिये है।