कोरोना इफेक्ट: लाइसेंस निरस्तीकरण की संख्या 25 तो राजस्व घटा 50 प्रतिशत




नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है। इससे आमजन के साथ व्यापार और सरकारी विभागों पर भी पड़ा है। अकेले एआरटीओ का हाल देखे तो राजस्व से लेकर वाहनों का पंजीकरण आदि सभी लाभ 50 प्रतिशत घट गए। पिछले साल— 2019—20 में एक अप्रैल से 31 अक्तूबर का राजस्व देखे तो 41 करोड़ 50 लाख 35 हजार था, लेकिन इस साल एक अप्रैल से 31 अक्तूबर तक 21 करोड़ 86 लाख 17 हजार रह गया है। इसी के अलावा वाहनों के पंजीकरण से लेकर अन्य आमदनी भी कम हो गई है। यहां तक चालानों की संख्या तो घटकर 25 प्रतिशत ही रह गई है।
एआरटीओ मनीष तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए लॉकडाउन से विभागीय कार्य बंद हो गए थे। अब धीरे—धीरे राजस्व की प्राप्ति बढ़ रही है।
पिछले साल की तुलना में इस साल के राजस्व और वाहन पंजीकरण की संख्या इस प्रकार रही ——
राजस्व — पिछले साल — 41 करोड़ 50 लाख। इस साल— 21 करोड़ 86 लाख।
वाहनों का पंजीकरण — पिछले साल — 15 हजार 891 थे तो इस साल 7402 ही हुए।
लर्निंग लाइसेंस — 7019 तो इस साल — 357 ही हो सके।
स्थायी लाइसेंस — 4497 तो इस साल — 3147 बन सके।
लाइसेंस नवीनीकरण — 5371, तो इस साल — 2922 ही बन सके।
निलंबित किए लाइसेंस — 1984 तो इस साल 457 ही किए जा सके।
नोट यह आंकड़ा पिछले साल और इस साल का एक अप्रैल से 31 अक्तूबर तक का है।



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