नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण की आपदा में लॉकडाउन घोषित होने के बाद से लगातार गरीब असहायों की मदद में जुटे मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने एक बार फिर बड़ा दिल दिखाते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रूपए का चेक दिया है। श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि वह गरीबों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है। संत का मुख्य ध्येय धर्म का मार्ग प्रशस्त करना और संकट की घड़ी में देशवासियों की हरसंभव मदद करना है। वह अपने कर्तव्य का पालन कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से मांग की है कि चिकित्सक, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस व पत्रकारों की यदि कोरोना संक्रमण से मौत होती है तो उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने सभी समुदाय के धर्मगुरूओं से अपील की कि संकट की इस घड़ी में आगे बढ़कर मदद करें। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी गयी धनराशि में मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट की ओर से 25 लाख तथा श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की ओर से 26 लाख रुपए की सहयोग राशि का योगदान किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के रूप में पूरी दुनिया संकट का सामना कर रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। पूरे देश से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी से देश की जनता को बचाने के लिए केंद्र सरकार को लॉकडाउन जैसा कठोर निर्णय लेना पड़ा। लॉकडाउन होने की वजह से रोजाना दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वालों के सामने समस्या खड़ी हो गयी है। इसको देखते हुए मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट व निरंजनी अखाड़े के माध्यम से प्रतिदिन गरीबों व बाहर से आए लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। लॉकडाउन होने की वजह से गंगा स्नान के लिए दूसरे राज्यों से आए सैकड़ों श्रद्धालु भी यहीं रूके हुए हैं। उन सबको आश्रय देने के साथ भोजन भी दिया जा रहा है। गरीब व निराश्रितों की मदद के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि जल्द ही एक हजार क्विंटल राशन जनता में वितरित कराया जाएगा। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के जारी रहने तक अखाड़े की ओर से सेवा कार्य अनवरत रूप से चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस संकट काल में जिससे जो भी बन सके गरीबों की मदद के लिए जरूर करे। पीएम केयर फण्ड, मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद करें। जिससे इस महामारी से निपटने में मदद मिले। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस वैश्विक संकट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर कोरोना वायरस के खिलाफ एक जंग लड़ रहा है। देशवासियों की एकजुटता से कोरोना जरूर पराजित होगा। मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रूपए की मदद करने पर श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस संकट में मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट व निरंजनी अखाड़े ने सेवा की एक मिसाल कायम की है। इस संकट में प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार दिनरात प्रयास कर रही है। गरीबों को खाद्यान्न व कोरोना पीडि़तों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इस अवसर पर श्रीमहंत लखन गिरी, श्रीमहंत डोंगर गिरी, श्रीमहंत राधे गिरी ,श्रीमहंत नरेश गिरी, श्रीमहंत मुनेश भारती, एसएमएनजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डा.सुनील बत्रा, मां मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी प्रदीप शर्मा, अनिल शर्मा, डा.संजय माहेश्वरी, डा.सरस्वती पाठक, वैभव शर्मा, एमसी पांडे, अश्वनी जगता, डा.एनके गर्ग आदि ने भी श्री महंत रविंद्र पुरी का आभार व्यक्त किया।
महंत रविंद्र पुरी ने किया करोड़ों का दान
महंत रविंद्र पुरी महाराज एकलौते संत है जो आपदा की घड़ी में सबसे पहले सामने आकर मदद करने निकले। उन्होंने सबसे पहले 11 लाख का चैक एचआरडीए सचिव हरवीर सिंह के माध्यम से प्रधानमंत्री केयर फंड में भेजा, उनके बाद केबिनेट मंत्री मदन कौशिक को पांच लाख का चैक दिया। जिसके बाद 2 लाख की मदद गुजरात के यात्रियों को भेजने के लिए की। 32 लाख की धनराशि का एक हजार कुंतल राशन प्रतिदिन गरीबों को वितरित किया जा रहा है। वही 22 दिनों के भीतर 11 लाख की धनराशि गरीबों को भेजे जाने वाले भोजन पर खर्च की है। इसके बाद सबसे बड़ी मदद राज्य सरकार को 51 लाख का चैक देकर की है। कुल मिलाकर देखा जाए तो महंत रविंद्र पुरी महाराज ने अभी तक 1 करोड़ 12 लाख की धनराशि दान स्वरूप दी है। वही इसके अलग लाखों रूपये का खर्च वह उनके दर पर पहुंचने वाले लोगों के लिए खर्च कर चुके है।