लघु किसानों को मनरेगा में, सभी उत्पादों को एमएसपी में शामिल करने के साथ कर्जा माफी की उठाई मांग




नवीन चौहान
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के युवा जिलाध्यक्ष राजदीप मैनवाल के नेतृत्व में किसान बिल के विरोध में एडीएम हरिद्वार के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने नौ सूत्री मांगे उठाई। राजदीप मैनवाल ने कहा कि देश के खाद्यान्न भंडारों में इतना पर्याप्त अनाज मौजूद है कि किसी भी नागरिक को भूख रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोविड—19 में भी किसानों ने कार्य सुचारू रखा। अवगत कराया कि भारत के किसानों के संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एआईकेएससीसी से 250 से अधिक संगठन जुड़े हुए है। सभी की मांग है कि किसान कानून वापस लिए जाए, इनसे फसलों के दाम घट जाएंगे और बीज सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। इससे उपभोक्ताओं के खाने के दाम बढ़ जाएंगे। खाद्य सुरक्षा तथा सरकारी हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो जाएगी। ये अध्यादेश पूरी तरह भारत में खाने व खेती व्यवस्था में कॉरपोरेट नियंत्रण को बढ़ावा देते है और उनके जमाखोरी व कालाबाजारी को बढ़ावा देंगे तथा किसानों का शोषण बढ़ाएंगे। किसान को वन नेशन वन मार्केट नहीं वन नेशन वन एमएसपी चाहिए।
ज्ञापन देने वालों में राजदीप मैनवाल, अजय चौधरी, सतेन्द्र चौहान, मोहित कर्णवाल, अश्विनी विश्नोई, अमन चौधरी, संदीप कश्यप, अंकित कश्यप, वैभव विश्नोई, गुलाब गौतम, संजय चौधरी, अरुण चौहान आदि किसान मौजूद रहें।
किसान हित में यह उठाई मांगें
— किसानों के लिए कर्जदारी से मुक्ति की गारंटी सुनिश्चित करो, इसके लिए मुक्ति कानून बनाया जाए। कोरोना दौर में सभी किसानों की रबी फसल का कर्ज माफ करे और खरीफ फसल—2020 के लिए ब्याज मुक्त केसीसी जारी करे।
— लाभकारी मूल्य हर किसान का कानूनी अधिकार बने, सभी कृषि उत्पाद सब्जी, फल और दूध का एमएसपी घोषित करें। दाम पर फसल की गारंटी देनी चाहिए। एमएसपी से कम रेट पर खरीद करना फौजदारी जुर्म घोषित हो।
— बिजली बिल—2020 वापस लो, कोरोना दोर का किसानों, छोटे दुकानदारों, छोटे व सूक्ष्म उद्यमियों तथा आमजन का बिजली का बिल माफ करना चाहिए। डीबीटी योजना को नहीं अमल करना चाहिए।
— फसलों के नुकसान का मुआवजा जारी करें।
— डीजल का दाम करते हुए आधा किया जाए।
— मनरेगा में काम के दिन बढ़ाते हुए 200 दिन की गारंटी की जाए ओर न्यूनतम मजदूरी की दर से भुगता किया जाए। इसमें खेतिहर मजदूर, छोटे किसानों को भी शामिल किया जाए।
हर व्यक्ति को राशन में पूरा खाना दिया जाए। राशन में हर महीने प्रति यूनिट 15 किलो अनाज, एक किलो तेल, एक किलो दाल, एक किलो चीनी सरकार को देनी चाहिए।
— आदिवासियों व अन्य किसानों की जमीन व वन संसाधन की रक्षा करों। कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण करने पर रोक लगाने, कैंपा कानून के नाम पर जंगल की जमीन पर जबरन प्लांटेशन लगाना बंद किया जाना चाहिए।



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