डीजीपी अशोक कुमार की खाकी में इंसान के नाम रहा साल 2020




नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस के सेवा, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के नाम रहा साल 2020। जी हां उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की लिखित पुस्तक “खाकी में इंसान” की वास्तविकता साल 2020 में दिखाई दी। उत्तराखंड पुलिस ने अपने स्लोगन मित्रता, सेवा और सुरक्षा को चरितार्थ कर दिखाया। कोरोना संक्रमण काल में जनता की मनोभाव से सेवा की। वर्दी के भीतर के इंसान की मानवीय संवेदनाओं की झलक पेश हुई। पुलिस ने अपने शारीरिक श्रम, निजी वेतन और निजी संसाधनों से गरीब पीड़ित जनता की मदद की। हालांकि पुलिस की चुनौतियां कभी खत्म नहीं होती। पुलिस को हर रोज नई सुबह के साथ नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं। साल 2021 में भी उत्तराखंड पुलिस ऐसी ही नई चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए तैयार है। आपकी सेवा और सुरक्षा में समर्पित है।
साल 2020 के मार्च महीने में भारत में कोरोना संक्रमण के प्रकोप ने प्रवेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनहित में बड़ा कठिन निर्णय करते हुए समूचे देश को लॉकडाउन कर दिया। देश की तमाम व्यवस्था बंद कर दी गई। जो जहां था वही कैद होकर रह गया। यही से पुलिस की सर्वाधिक भूमिका प्रारंभ हुई। उत्तराखंड के हरिद्वार की बात करें तो यहां पर विषम परिस्थितियां थी। सिडकुल इंडस्ट्री होने के चलते दूसरे राज्यों के हजारों लोग यहां पर फंस गए। तीर्थनगरी होने के चलते यात्रियों की संख्या भी काफी थी। वही स्थानीय स्तर पर गरीबों की संख्या भी सर्वाधिक हरिद्वार में ही है। बस यही से पुलिस की भूमिका प्रारंभ हुई। पुलिस ने पीड़ितों की मदद करनी शुरू कर दी। भोजन, राशन, दवाईयां घर—घर पहुंचाया। गरीबों की तन,मन, धन से सेवा की। पुलिस की सेवा से पीड़ित भी आत्मविभोर हो उठे। कोरोना संक्रमण काल में पुलिस अपनी जान को खतरे में डालकर उसके बीच रही। जिसके चलते कई पुलिसकर्मी संक्रमित भी हो गए। संक्रमण को मात देने के बाद इन पुलिसकर्मियों ने पुन: नई ऊर्जा के साथ कार्य करना शुरू कर दिया।

डीजीपी अशोक कुमार द्वारा लिखित खाकी में इंसान पुस्तक

डीजीपी अशोक कुमार ने जिस मूल्य परक शिक्षा पर आधारित “खाकी में इंसान”  पुस्तक को लिखा। पुस्तक के माध्यम से पुलिस की छवि को बदलने और उनको समझाने का प्रयास किया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरोना संक्रमण काल में ही देखने को मिला। पुलिस ने तमाम विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए अपने भीतर के इंसान को प्रस्तुत किया। किसी एक पुलिसकर्मी का नाम लिखकर दूसरे की मेहनत को कम नहीं किया जा सकता है। उत्तराखंड के समस्त पुलिसकर्मियों ने अपनी—अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य किया और जनता का दिल जीत लिया।
कुल मिलाकर कहा जाए तो साल 2020 उत्तराखंड पुलिस की सेवा, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की याद दिलाता रहेगा। हालांकि कोरोना संक्रमण अभी जिंदा है। साल 2021 में कोरोना की चुनौतियां बरकरार रहेगी। लेकिन पुलिस को अपनी छवि को और बेहतर बनाने की जरूरत है।

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