जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बोले लापरवाही बर्दाश्त नहीं





नवीन चौहान
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने जिला योजना एवं बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों के पेंच कसे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशि​त किया कि जनपद हरिद्वार का सर्वागीण विकास करने में पूरी ईमानदारी बरती जाए। लापरवाही किसी सूरत में बर्दाश्त नही की जायेगी। अधिकारियों को निर्देशित करने से पहले जिलाधिकारी ने प्रत्येक विभाग के आवंटित बजट की जानकारी ली। उसके सापेक्ष कुल कितनी धनराशि व्यय हो चुकी है, के सम्बन्ध में एक एक करके प्रत्येक विभाग से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन योजनाओं के अंतर्गत जो भी कार्य शेष रह गये हैं, उन्हें यथाशीघ्र करवाना सुनिश्चित करें तथा इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने बैठक में सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि यदि किसी विभाग द्वारा जिला योजना के अंतर्गत आवंटित धनराशि को अपरिहार्य कारण से व्यय किया जाना संभव न हो, तो वे विभाग प्राथमिकता के आधार पर तीन दिन के अंदर इसकी सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, पीडी केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, डीएसटीओ श्रीमती नलिनी ध्यानी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराणी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, उद्यान अधिकारी ओम प्रकाश सिंह, डीपीओ सुश्री सुलेखा सहगल, ईई लोक निर्माण,अधिशासी अभियंता जल संस्थान मदन सेन, एसीएमओ, डीएसओ, सहायक संख्या अधिकारी सुभाष शाक्य, शिक्षा, रेशम, सिंचाई, पर्यटन आदि सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
“जिला योजना” और “बीस सूत्री कार्यक्रम” दोनों ही भारत में विकसित कार्यक्रम हैं जो स्थानीय स्तर पर विकास को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये कार्यक्रम सामाजिक, आर्थिक, और आधारिक सुविधाओं को विकसित करने के उद्देश्य से लोगों को सशक्त बनाने के लिए निर्मित किए गए हैं।
विदित हो कि जिला योजना (District Planning): यह योजना एक जिले के विकास को निर्धारित करने के लिए तैयार की जाती है। यह जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास, सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, आर्थिक विकास आदि के लिए नीतियों को अनुकूलित करने का प्रयास करती है। यह योजना जिला स्तर पर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर बनाई जाती है।
जबकि सूत्री कार्यक्रम (Twenty-Point Programme): भारत सरकार द्वारा आर्थिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था। इसमें अधिकारियों और नागरिकों के बीच संवाद को सुनिश्चित करने के लिए बीस बिंदुओं का समावेश है, जिसमें गरीबी की हट, बेरोजगारी की रोकथाम, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आवास के विकास को मुख्य ध्यान में रखा गया है। दोनों ही कार्यक्रम भारत सरकार के विकास की नीतियों का हिस्सा हैं और स्थानीय स्तर पर उन्नति को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं। यह कार्यक्रम सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर लागू किए जाते हैं ताकि समाज के सभी वर्गों को विकास के लाभ तक पहुंचाया जा सके।



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