हरिद्वार में लाखों की घास प्रकरण की डीएम रविशंकर करा रहे जांच, देखे वीडियो





नवीन चौहान
हरिद्वार के रोड़ीबेलवाला में लगी लाखों की घास इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि इस घास को लगाने की लागत करीब 15 रूपये प्रति स्कावयर फीट में बाजार में आसानी से उलपब्ध है। जबकि बड़े काम में कीमत कम हो जाती है। जबकि हरिद्वार में लगी इस सरकारी घास का मूल्य काफी अधिक प्रतीत हो रहा है। जिलाधिकारी सी रविशंकर इस घास प्रकरण की जांच कराने में जुटे है।
केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने इस घास प्रकरण की जांच करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। शनिवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर केंद्रीय मंत्री डॉ निशंक के प्रतिनिधि ओम प्रकाश जमदग्नि के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घास का बारीकी से निरीक्षण किया और घास लगाने के पीछे के औचित्य को समझने की कोशिश की। लेकिन घास किसलिए लगाई गई यह बात उनकी समझ से परे रही। वही कुंभ मेले में तैनात पुलिस अधिकारियों ने इस रोड़ीबेलवाला के क्षेत्र में घास स्थल के स्थान पर बल्लियां खड़ी कर तंबू लगाकर पुलिस छावनी बनाने की तर्क दिया। ऐसे में इस घास को बचाकर बल्लियां खड़ी करने का रास्ता निकालने का भी प्रयास किया गया। लेकिन बल्लियां खड़ी करने और पुलिस छावनी बनने के दौरान इस घास के अस्तित्व पर सवाल खड़े होने लगे। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी की।
बताते चले कि रोड़ीबेलवाला में इंडियन आयल कॉरपोरेशन के सीएसआर फंड से किए जाने वाले कार्यो में गड़बड़झाला हुआ है। या फिर प्रशासन और पुलिस के तालमेल में पैंसों की बर्बादी हुई। जिस स्थान पर कुंभ पुलिस के थाने बनाने थे वहां खूबसूरती के लिए घास लगा दी गई। पहले 21 लाख में घास लगाने की योजना बनाई गई। जिसके बाद बजट को बढ़ाकर 50 लाख कर दिया गया। जब निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कार्यदायी संस्था से जानकारी की तो पता चला कि एक लाख 35 हजार स्कवायर फुट घास लगाने का स्टीमेट तैयार किया गया था। जिसमें प्रति स्कावयर फुट की दर 15 रूपये 50 पैंसे रखी गई। लेकिन बाद में 60 हजार स्कावयर फुट घास के लिए 50 लाख की डीपीआर तैयार की गई। जिसमें घास लगाने की लागत करीब 80 रूपये 50 पैंसा निर्धारित की गई। कार्यदायी संस्था ने जिलाधिकारी को बताया कि लागत इसलिए अधिक है कि इसमें सामग्री ढुलान और लेबर चार्ज को अलग से जोड़ा गया है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस पूरे प्रकरण को बड़ी गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए।



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