DPS के छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन से हुए अभिभूत




  • डीपीएस रानीपुर के बच्चों ने देखा परीक्षा पे चर्चा 2024 का सीधा प्रसारण

नवीन चौहान.
दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का दिल्ली के भारत मण्डपम से सभी कक्षाओं एवं सभागारों में सीधा प्रसारण दिखाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में विद्यालय के कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों ने प्रधानमंत्री जी से परीक्षा संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त किया।

प्रधानमंत्री जी ने अपने सम्बोधन में तनाव रहित वातारण बनाने पर जोर दिया और कहा कि अध्यापक एवं अभिभावक किसी भी प्रकार से बच्चों में तुलना न करंे और उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करने दें। साथ ही उन्होनें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को जाग्रत करने व अभिभावकों को अपने बच्चों पर भरोसा करने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को भी स्वयं की क्षमताओं पर भरोसा रखने की सलाह दी तथा साधारण से असाधारण बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने खेलने और खिलने की बात कहते हुए बच्चों को परीक्षा में सहज रहने तथा अपने आप को तनाव से दूर रखने के लिए परीक्षा की तैयारी के साथ साथ खेलकूद व्यायाम एवं अच्छी नींद लेने की सलाह दी। डीपीएस रानीपुर के विद्यार्थियों ने उनके मन से परीक्षा का भय मिटाने तथा उनके उत्साहवर्धन के लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद किया।

प्रधानमंत्री जी ने बच्चों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनकी जिज्ञासा को शांत किया। देश के अलग-अलग प्रांतों के विद्यार्थियों ने परीक्षा संबंधी अनेक प्रश्न पूछे; जिनका उत्तर प्रधानमंत्री जी ने बड़ी सहजता से दिया। उन्होंने बताया कि जीवन में हर मोड़ पर परीक्षा होती है, जिसमें कठिन परिश्रम करने वाले ही सफल होते हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री जी ने परीक्षा के समय तनाव, अव्यवस्थित रूप से गैजेट्स के बढ़ते उपयोग, माता-पिता तथा शिक्षकों से संबंधित प्रश्नों के रोचक उत्तर दिए।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ0 अनुपम जग्गा ने इस आयोजन एवं प्रधानमंत्री जी की प्रशंसा करते कहा कि उनका मार्गदर्शन परीक्षा के तनाव को कम करने में अवश्य ही सहायक सिद्ध हो रहा है। आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह अत्यंत आवश्यक है तथा यह हम सब की जिम्मेंदारी है कि बच्चों में निर्णय लेने क्षमता का विकास हो, विद्यार्थी शिक्षक एवं अभिभावक एक दूसरे पर भरोसा करें, लेखन पर अधिक ध्यान दें तथा परीक्षा के समय सहज रहते हुए सामान्य व्यवहार करें।

उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में सामाजिक मूल्यों को अपनाना चाहिए ताकि हमारे चारों ओर सकारात्मक वातावरण बन सके। दुर्व्यसनों से दूर रहकर मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत बनकर व कड़े परिश्रम से ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।



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